Saturday 29 November 2014

बीसीआर न्यूज़ को मीडिया पार्टनर बनाने के लिए हार्दिक धन्यवाद !

बीसीआर न्यूज़ को मीडिया पार्टनर बनाने के लिए "नव दुर्गा आर्ट पिक्चर कंपनी" व डी एन एस ग्रुप्स एंड मोशन पिक्चर कंपनी को हार्दिक धन्यवाद !
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अजय शास्त्री (संपादक) 
बॉलीवुड सिने रिपोर्टर (बीसीआर न्यूज़)
Email: editorbcr@gmail.com
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मैत्राी क्लब का आयोजन 1 दिसम्बर से

मैत्राी क्लब का आयोजन 1 दिसम्बर से होने जा रहा है
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अजय शास्त्री (संपादक)
 बॉलीवुड सिने रिपोर्टर 
Email: editorbcr@gmail.com
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बीसीआर (रचना शर्मा / नई दिल्ली) आज कान्स्टीट्यूशन क्लब प्रेस वार्ता को सम्बोध्ति करते हुए पदाध्किारियों नें बताया कि इंडो ग्लोबल फउंडेशन, लाॅजी काल स्पोट्रस मनेजमेंट एल.एल.पी और रीमिक्स एन्टरटेंनमेंट के साथ मिलकर ‘‘मैत्राी कम’’ का आयोजन करने जा रहा है। अम्बेडकर स्टेडियम में 1 से 7 दिसम्बर तक चलने वाला यह टूर्नामेंट दिल्ली की नामी स्कूल फुटबाल टीमों से सुसज्जित है। 

इस टूर्नामेंट का उद्घाटन श्री अजीत एम सरन, आई.ए.एस. सचिव खेल युवा मामले एवम खेल मंत्रालय भारत सरकार द्वारा किया जायेगा। इस टूर्नामेंट का उद्देश्य ऐसे खिलाडि़यों की खोज करना है जो अन्तराष्ट्रीय स्तर पर भारत का परचम लहराऐ, चुने हुए खिलाडि़यों के अन्तराष्ट्रीय खिलाडि़यों व कोचों द्वारा प्रशिक्षित किया जायेगा। 
जैसे इंगलिश क्लब आरसनल व लिवरपूल के दिग्गज जिमी कार्टर व चेलसी कल्ब के कीथ डब्लिन।

NORA FATEHI || EXCLUSIVE INTERVIEW || ROAR FILM || BCR NEWS

SONU NIGAM || INTERVIEW || KLOSE MY HEART || BCR NEWS

NORA FATEHI || EXCLUSIVE INTERVIEW || ROAR FILM || BCR NEWS

Celebs came for premier of Hollywood film Mocking Jay 1 at Cinemax,Versova

Celebs came for premier of Hollywood film Mocking Jay 1 at Cinemax,Versova
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Ajay Shastri (Editor) BOLLYWOOD CINE REPORTER
Email: editorbcr@gmail.com
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BCR NEWS (Mumbai) It was a great premier of Hollywood film Mocking Jay 1 where actors from film and TV industry and also from corporate field came to see the film at Cinemax, Versova. Ruslaan Mumtaz came with wife Nirali Mehta,Gurmeet with Debina, Vishwajeet Pradhan with Sonalika and Rajeev with Shibani Kashyap.Other guest who came to see the film were Tinaa Ghaai, Marisa Verma, Zoya Afroz, Ekta Jain, Milind Ukey, Mauli Dave, Komal Jha, Sejal Mandavia, Vasant Bhandari, Chandi,Ashmit Patel and many more. Girish Wankhede of PVR Cinemas received all the guest. There were two shows of the film. 

Zed-Plus - Film Review by Ajay Shastri (3 Star)

फिल्म समीक्षा : जेड प्लस 
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समीक्षक : अजय शास्त्री (संपादक) 
बॉलीवुड सिने रिपोर्टर 
Email: editorbcr@gmail.com
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प्रमुख कलाकार : आदिल हुसैन, मोना सिंह, 
मुकेश तिवारी, कुलभूषण खरबंदा और संजय मिश्रा।
निर्देशक : चंद्रप्रकाश द्विवेदी
संगीतकार : सुखविंदर सिंह और नायब।
स्टार : तीन
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बीसीआर (मुंबई) इन दिनों एक तरफ मसाला और दूसरी तरफ कंटेंट प्रधान फिल्में आ रही हैं। 'जेड प्लस' कंटेंट प्रधान फिल्म है। मौलिक और इनोवेटिव कहानियों की कंगाली के मौजूदा दौर में 'जेड प्लस' फिल्मकारों और दर्शक दोनों के लिए उम्मीद और प्रेरणा की किरण है। यह रामकुमार सिंह की कहानी पर आधारित और डॉ. चंद्रप्रकाश द्विवेद्वी निर्देशित राजनीति पर तंज कसती आला दर्जे की मौलिक सटायर फिल्म है। यह सिस्टम, नौकरशाही और आम आदमी के संबंध-समीकरण की गूढ़ पड़ताल करती है। यह दिखाती है कि सरकार और नौकरशाह के काम करने का तरीका क्या है? वे अपने फायदे के लिए आम आदमी का किस तरह इस्तेमाल कर सकते हैं। किस तरह सिस्टम के जाल में फंसा कर लोगों की दुश्वारियों का गलत इंटरप्रेटेशन किया जाता है। 'जेड प्लस' फिल्मों में स्थापित और प्रचलित स्टार केंद्रित फिल्मों के प्रतिमान पर भी प्रहार करती दिखती है। फिल्म का नायक देश का आम आदमी है। फिल्म के पोस्टर और दृश्यों में वह लुंगी में है। फिल्म की कहानी पूरी तरह उसी के इर्द-गिर्द घूमती है।
फिल्म में असलम पंचर वाले की आम से खास होने की कहानी है। वह फतेहपुर में अपनी बीवी हमीदा के साथ संघर्षरत जिंदगी जी रहा है। वह अपने पड़ोसी स्वघोषित शायर हबीब से खासा परेशान है। हालांकि पूर्व में दोनों जिगरी दोस्त रह चुके हैं। वर्तमान में दोनों की दुश्मनी की जड़ में पराई औरत सईदा है। सईदा के लिए दोनों दोस्तों के बीच कश्मीर का रूपक एक स्तर पर भारत-पाकिस्तान का संदर्भ ले लेता है। बहरहाल, असलम पंचर वाला वहां के पीर वाले बाबा की दरगाह का एक दिन का खादिम बनता है और प्रधानमंत्री की आकस्मिक मुलाकात में हुई गलतफहमी के चलते जेड प्लस सुरक्षा पा जाता है। वह सुरक्षा मिलते ही उसकी सामान्य जिंदगी में भूचाल आ जाता है। उसकी जिंदगी जाने-अनजाने केंद्र और राज्य सरकार के बीच झूलने लग जाती है। असलम के संवादों से पता चलता है कि नह हिंदुस्तानी में फरियाद कर रहा था, लेकिन प्रधानमंत्री उसे अंग्रेजी में समझ रहे थे। इस गफलत में ही वह जेड प्लस सुरक्षा पा जाता है। 'जेड प्लस' राजनीति, समाज और आम आदमी के संबंधों पर कटाक्ष करती है।
'जेड प्लस' अपने कलाकारों के उम्दा प्रदर्शन व मौलिक कहानी से दिल को छूती है। संवाद भी फिल्म की यूएसपी हैं। डॉ चंद्रप्रकाश द्विवेद्वी और रामकुमार सिंह के लिखे संवादों में देशज मुहावरों का सारगर्भित इस्तेमाल किया गया है। वे बेहद सटीक और सधे हुए हैं। वे तीखा प्रहार करते हुए असर छोड़ते हैं। उनके मर्म बड़े गहरे और संदर्भ व्यापक हैं। नायक असलम पंचर वाला की भूमिका आदिल हुसैन ने निभाई है। आदिल ने उसके संग पूरा न्याय किया है। असलम के चरित्र में आए परिवर्तनों को वे प्रभावशाली तरीके से पेश करते हैं। हमीदा मोना सिंह बनी हैं। उनके काम में शिद्दत और ईमानदारी दिखती है। हबीब के अवतार में मुकेश तिवारी पूरे रंग में हैं। उनके अभिनय का नया आयाम दिखाई पड़ा है। प्रधानमंत्री के पीए जनार्दन दीक्षित का किरदार के. के. रैना ने निभाया है। प्रधानमंत्री की भूमिका में कुलभूषण खरबंदा ने रोल को काफी एन्जॉय किया है। संजय मिश्रा खस्ताहाल हो चुके सुपारी किलर और आतंकवादी हिदायतुल्ला की भूमिका में फिल्म की जान हैं। उनकी कॉमिक टाइमिंग लाजवाब है। हृषिता भट्ट सूत्रधार के रोल में हैं। एकावली खन्ना सईदा के किरदार में हैं और उन्होंने उल्लेखनीय काम किया है।
फिल्म का एकमात्र कमजोर पक्ष उसका असरहीन गीत-संगीत है। सुखविंदर सिंह और नायब का संगीत मौजूदा कालखंड के मिजाज को छूने में नाकाम रही है। फिल्म की एडिंटिंग और कसी हुई हो सकती थी।
अवधि: 140 मिनट

UNGLI - Film Review by Ajay Shastri (3 star)

फिल्म रिव्यूः उंगली 
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समीक्षक : अजय शास्त्री (संपादक)
 बॉलीवुड सिने रिपोर्टर 
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एक्टरः इमरान हाशमी, कंगना रनोट, रणदीप हुड्डा, संजय दत्त, नेहा धूपिया, अंगद बेदी, नील भूपालम 
डायरेक्टरः रेंसिल डिसिल्वा 

रेटिंग : तीन स्टार 
अवधि : 1 घंटा 54 मिनट

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बीसीआर (मुंबई) भारतीय समाज में कैंडल मार्च उसके बाद ही विरोध का प्रतीकात्मक अभियान बन चुका है। रेंसिल डिसिल्वा ने 'रंग दे बसंती' के प्रभाव में 'उंगली' का लेखन और निर्देशन किया है। इस बार विरोध के लिए उंगली है।राकेश ओमप्रकाश मेहरा की फिल्म 'रंग दे बसंती' की पटकथा में रेंसिल डिसिल्वा सहायक थे। उस फिल्म ने सिस्टम से निराश युवकों के गुस्से एवं प्रतिरोध को एक दिशा दी थी।  चार दोस्त. एक टीवी रिपोर्टर, एक मैकेनिक, एक कंप्यूटर इंजीनियर और एक फार्मासिस्ट. चारों के अतीत का एक सिरा. उससे सब जुड़े. उनका मकसद भी. मकसद सिस्टम का करप्शन दूर करना. इसके लिए वे बनाते हैं गैंग. चूंकि गैंग मॉर्डन है, इसलिए नाम उंगली है. और मकसद, वह तो साफ ही है. उधर इस गैंग की हरकतों से मुंबई पुलिस में हड़कंप है. मामला घी का है. इसलिए यहां भी टेड़ी उंगली काम पर लगाई जाती है. एंटर पुलिस वाला एसीपी काले. एक और एंटर. इस बार इंस्पेक्टर निखिल. दोनों के काम के तरीके अलग. नीयत एक. मगर ये उंगली गैंग का भंडाफोड़ करते करते सिस्टम की सड़ांध से नजर नहीं फेर पाते. ऐसे में जरूरत है कुछ ऐसा करने की कि कोई युवा गैंग बनाने की न सोचें. सब अपना फर्ज पूरा करें. बोलो सत्यनारायण भगवान की जय.
जय न करें तो क्या करें. ऐसा लगता है कि जैसे हिंदी फिल्में एक दबाव में जी रही हैं. पूरी फिल्म में जो रायता फैलाया है, उसे एक बारगी समेटने का दबाव. और इस चक्कर में जो समाधान पेश किया जाता है. वह ऐसा ही है, जैसे कोई व्रत कथा. जैसे इनके दिन बहुरे, सबके बहुरें जैसा.
 
फिल्म यंग है. स्लिम है. स्मार्ट है. पर क्लाइमेक्स में ओवरस्मार्ट हो जाती है. इसमें पेस है. पर गहराई का अभाव है. कई कहानियां और किरदार बस यूं ही छूकर भागती है फिल्म. कई ट्रैक समेटने की जद्दोजहद है ये. कटोरा भर एक्टर्स लेने पर ये तो होना ही था.
इमरान हाशमी, रणदीप हुड्डा ने अच्छी एक्टिंग की है. कंगना औसत रही हैं. उनके करने को ज्यादा कुछ था नहीं. जहां था, वहां वह कतई तैयार नहीं दिखीं. अंगद फालतू के कॉमिक दिनों की याद दिला गए. नील भूपालम को और फिल्में करनी चाहिए. संजय दत्त पुलिस वाले के रोल में जमे हैं. अब उनकी पीके का इंतजार है. फिल्म में कुछ देर के लिए ही सही महेश मांजरेकर आए. आए और छाए. बिना ज्यादा कुछ बोले. शायद इसे ही उम्दा एक्टिंग कहते हों.
फिल्म के कुछ गाने अच्छे हैं. मसलन, पाकीजा के बोल उम्दा हैं. फिल्म के कई कंपोजर हैं. इसलिए सातत्य का अभाव है. और हैप फैक्टर बरतने के लिए जो रैपनुमा गाने भरे गए हैं, वे बेदम लगते हैं.
डायरेक्टर रेंसिल डिसिल्वा इससे पहले टीवी सीरीज 24 बना चुके हैं. तब उनको ये फायदा था. कि सीरीज के लिए कहानी का बेसिक स्ट्रक्चर तैयार था. उन्हें बस उसका भारतीयकरण करना था. उंगली में चुस्त कहानी की दरकार थी. यहां वह सेकंड हाफ में कुछ कमजोर पड़ गए.
उंगली इस वीकएंड पर देख सकते हैं. बशर्ते आपको सिस्टम सुधारने के लिए आखिर में दिए फिल्मी सॉल्यूशन से ज्यादा दिक्कत न हो. और किरदारों का स्टेटस अपडेट जैसा परिचय अखरे नहीं.

‘बदलापुर' का पोस्टर जारी, खतरनाक भूमिका में वरुण धवन

‘बदलापुर' का पोस्टर जारी, खतरनाक भूमिका में वरुण धवन
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अजय शास्त्री (संपादक) बॉलीवुड सिने रिपोर्टर 
Email: editorbcr@gmail.com
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बीसीआर (मुंबई) वरुण धवन जल्द ही एक बिल्कुल नए अंदाज में सामने आएंगे. अब तक आपने उन्हें फिल्मों में लड़कियों के आसपास मंडराते हुए ही देखा होगा. लेकिन अब वे ऐसे अंदाज में सामने आने वाले हैं कि एक बार तो आपको भी यकीन नहीं होगा कि क्या ये वही ‘इश्क वाला लव’ वाले वरुण हैं.
निर्देशक श्रीराम राघवन की फिल्म ‘बदलापुर’ को सैफ अली खान और दिनेश विजान प्रोड्यूस कर रहे हैं. फिल्म में वरुण के अलावा नवाजुद्दीन सिद्दिकी, हुमा कुरैशी, यामी गौतम और राधि‍का आप्टे भी हैं. फिल्म में मुख्य भूमिका वरुण धवन की ही है. शुक्रवार को फिल्म का पोस्टर लॉन्च किया गया और इस पोस्टर में वरुण वाकई खतरनाक लग रहे हैं.
वरुण धवन की यह फिल्म 20 फरवरी 2015 को रिलीज होगी.