Sunday 30 April 2023

लुधियाना में गैस लीक... 11 की मौत, कई बीमार: मरने वालों में 2 बच्चे, 5 महिलाएं, ४ पुरुष, रिहायशी इमारत में बने मिल्क बूथ में हुआ हादसा | BCR NEWS

 अजय शास्त्री 

बीसीआर न्यूज़/नई दिल्ली: लुधियाना के ग्यासपुरा स्थित मिल्क बूथ में रविवार सुबह सवा सात बजे गैस का रिसाव हुआ। यह बूथ रिहाइशी इलाके में मौजूद है। 

पंजाब के लुधियाना में रविवार सुबह गैस लीकेज से 11 लोगों की मौत हो गई। मृतकों में 5 महिलाओं और 4 पुरुषों समेत 2 बच्चे शामिल हैं। बच्चों की उम्र 10 और 13 साल है। हादसा शहर के ग्यासपुरा इंडस्ट्रियल एरिया के नजदीक एक इमारत में बने मिल्क बूथ में सुबह 7:15 बजे हुआ। लुधियाना की एसडीएम स्वाति ने बताया कि गैस रिसाव के बाद 12 लोग बेहोश भी हो गए।


घटना के बाद मेडिकल, फायर ब्रिगेड, पुलिस और NDRF की टीमें मौके पर पहुंच गई हैं। बीमार हुए लोगों को जिला अस्पताल ले जाया गया है। यहां की विधायक राजिंदरपाल कौर ने कहा कि इमारत में मिल्क बूथ खुला हुआ था और जो भी सुबह यहां दूध लेने गया वह बेहोश हो गया। प्रशासन ने इमारत के आसपास एक किलोमीटर के इलाके को सील कर दिया है।


लुधियाना के ग्यासपुरा इलाके में बने इसी मिल्क बूथ के पास गैस रिसाव से लोगों का मौत हुई।

इमारत के आसपास घर-ढाबों में भी लोग बेहोश हुए

रिहायशी इलाके में बनी इस बिल्डिंग के 300 मीटर के दायरे कई लोग बेहोशी की हालत में मिले हैं। आसपास के घरों और ढाबों के लोग भी बेहोश हुए हैं। प्रशासन ने ड्रोन की मदद से आसपास के इलाकों में सर्च अभियान चलाया। लुधियाना के पुलिस कमिश्नर मनदीप सिद्धू ने बताया कि घटना वाली इमारत से सभी लोगों को निकाला जा चुका है।

हादसे के बाद मेडिकल वर्कर्स और स्थानीय लोगों ने शवों और बीमारों को अस्पताल पहुंचाया।

एक ही परिवार के पांच लोग सोते हुए मारे गए

इलाके में रहने वाले कपिल कुमार नाम के व्यक्ति ने बताया कि उनके परिवार के पांच लोगों की मौत हो गई है। कपिल ने बताया कि जब गैस लीक हुई, उस समय परिवार के लोग सो रहे थे। उसी दौरान गैस के असर से उनकी मौत हो गई।

मौके पर पहुंचे पुलिसकर्मी मुंह पर रुमाल बांधकर बीमार पड़े लोगों को एंबुलेंस तक ले गए।

कौन सी गैस रिसी इसकी जानकारी नहीं, मशीनें मंगवाईं

अभी तक यह पता नहीं चल पाया है कि इलाके में किस गैस का रिसाव हुआ और इसकी वजह क्या है। हालांकि, शुरूआती जांच में गैस की बदबू सीवरेज गैस जैसी पाई गई है। अब गैस की जांच के लिए मशीनें मंगवाई गई हैं।

पुलिस कमिश्नर मनदीप सिद्धू ने बताया कि सीवर में तेजाब की वजह से ऐसा हो सकता है या अंदर किसी कैमिकल की मौजूदगी इस गैस की वजह हो सकती है। हालांकि जांच के बाद ही औपचारिक तौर पर कुछ कहा जा सकता है।

रेस्क्यू टीम मास्क लगाकर उस इमारत के नजदीक पहुंची, जहां गैस रिसाव की खबर आई थी।


जहां गैस रिसी, मास्क लगाकर उस इमारत तक पहुंची NDRF

प्रशासनिक अफसरों के मुताबिक लुधियाना के ग्यासपुरा में सुआ रोड पर जिस इमारत से गैस रिसने की बात कही जा रही है, उसका नाम गोयल कोल्ड ड्रिंक्स है। इस इमारत के ऊपरी हिस्से में लोग रहते थे। वहां भी लोगों के बेहोश होने की आशंका है। NDRF की टीम मास्क पहनकर इमारत तक जाने की कोशिश कर रही है।

NDRF की टीम ने बताया कि लीक हुई गैस की जांच के लिए मशीनें मंगाई गई हैं।

हादसे में मारे गए लोगों के परिजन लुधियाना सिविल हॉस्पिटल की मॉर्चुरी के बाहर जमा हो गए।

हादसे के बाद घटनास्थल के पास करीब एक किलोमीटर के इलाके को सील कर दिया गया है।

गैस लीकेज से प्रभावित इलाके में लोगों की आवाजाही रोकने के लिए बैरिकेडिंग की गई है।

CM मान बोले- लोगों को हर संभव मदद पहुंचाई जा रही

पंजाब सीएम भगवंत मान ने कहा- लुधियाना के ग्यासपुरा इलाके में गैस लीक की घटना बेहद दुखदायी है। पुलिस, प्रशासन और NDRF की टीमें मौके पर मौजूद हैं। हर संभव मदद पहुंचाई जा रही है। इस बारे में जल्दी ही पूरी जानकारी दी जाएगी।

Saturday 29 April 2023

जहाँ शाह वहाँ राह: पूर्वोत्तर की समस्याओं का स्थाई समाधान निकालते अमित शाह | BCR NEWS

अजय शास्त्री 

बीसीआर न्यूज़/नई दिल्ली: केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह की उपस्थिति में असम और अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्रियों ने आज अंतर-राज्यीय सीमा समझौता पर हस्ताक्षर किए। इस समझौते के तहत 123 गाँवों को लेकर चल रहे पुराने सीमा विवाद को आखिरकार खत्म कर दिया गया। उन्होंने कहा, 'यह ऐतिहासिक समझौता एक बड़ी उपलब्धि है। हमारा मुख्य उद्देश्य पूर्वोत्तर राज्यों को शांतिपूर्ण, विकसित और संघर्ष मुक्त बनाना है। यह समझौता जहाँ पूर्वोत्तर के खोए हुए गौरव को बहाल करेगा, वहीं प्रगति के नए मार्ग प्रशस्त करेगा।’

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व और केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह के मार्गदर्शन में पिछले 9 वर्षों में पूर्वोत्तर में सभी समस्याओं का समाधान निकाल कर शांति और विकास के एक नए युग की इबारत लिखी जा रही है। आजादी के बाद 1972 से लेकर आज तक जिस 800 किमी लंबे असम-अरुणाचल सीमा विवाद को किसी भी सरकार ने सुलझाने की कोशिश नहीं की, उस ऐतिहासिक विवाद  निपटाकर अमित शाह ने साबित किया है कि वो वास्तव में भारतीय राजनीति के चाणक्य हैं। आजादी के बाद जिस समस्या का समाधान हो जाना चाहिए था, उसका समाधान आज 75 साल के बाद अमित शाह के दिशा-निर्देश में गृह मंत्रालय कर रहा है।

50 से अधिक बार पूर्वोत्तर का दौरा करने वाले मोदी जी के विकसित पूर्वोत्तर, शांत पूर्वोत्तर और विवाद मुक्त पूर्वोत्तर के लक्ष्य को साकार करने की दिशा में निरंतर जुटे अमित शाह के मार्गदर्शन में 2019 में एनएलएफटी समझौता, 2020 में ब्रू समझौता, 2021 में बोडो समझौता, 2022 में कार्बी समझौता, आदिवासी शांति समझौता, असम-मेघालय के 67% अंतरराज्यीय सीमा विवाद का समझौता, 2022 में असम-अरुणाचल सीमा विवाद समझौता और आज 2023 में 800 किमी लंबे असम-अरुणाचल सीमा के निपटारे से पूरे पूर्वोत्तर का कायाकल्प हो रहा है। पिछले चार वर्षों में पूर्वोत्तर राज्यों में किया गया यह आठवाँ समझौता है।

आँकड़ों के मुताबिक संकल्प से सिद्धि के 9 सालों में मोदी-शाह की नीतियों के कारण पूर्वोत्तर में 8000 से ज्यादा युवा हथियार छोड़कर मुख्यधारा में शामिल हो चुके हैं। पूरे पूर्वोत्तर में हिंसा में लगभग 67% की कमी, सुरक्षा बलों के मृत्यु में 60% की कमी और नागरिकों की मृत्यु में 83% की कमी आई है। जहाँ असम के 70% क्षेत्र, मणिपुर के 6 जिले के 15 पुलिस स्टेशन और नागालैंड के सात जिलों को अफ्सपा से मुक्त कर दिया गया है, वहीं त्रिपुरा और मेघालय को पूरी तरह से अफ्सपा से मुक्त कर दिया गया है जो साबित करता है कि देश अमृतकाल में प्रवेश कर चुका है।   

मोदी जी के नेतृत्व में नए भारत के निर्माण में जुटे अमित शाह के अथक प्रयासों और कुशल रणनीतियों का नतीजा है कि समग्र पूर्वोत्तर में इंफ्रास्ट्रक्चर विकास और औद्योगिक निवेश सहित सीमा से सटे गाँवों का चौतरफा विकास हो रहा है।