Saturday 27 September 2014

बेटे की मौत के बाद कराई बहू की शादी, कन्यादान में दी 100 करोड़ की प्रॉपर्टी

बेटे की मौत के बाद कराई बहू की शादी, कन्यादान में दी 100 करोड़ की प्रॉपर्टी
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अजय शास्त्री (संपादक) बॉलीवुड सिने रिपोर्टर 
Email: editorbcr@gmail.com
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बीसीआर (गुजरात) पोरबंदर के भाजपा सांसद विठ्ठल रादडिया ने शुक्रवार को लोगों के सामने एक मिसाल कायम करते हुए वह कर दिखाया है जिसके बाद हर लड़की के घर वाले यही सोचेंगे की उनकी बेटी को भी ऐसा ही ससुराल मिले। विठ्ठल रादडिया ने पुत्र कल्पेश के आकस्मिक निधन के बाद बहू मनीषा की आज दोबारा शादी करवा दी। यही नहीं रादडिया ने बहू को बेटी मानकर स्वर्गवासी पुत्र कल्पेश की लगभग 100 करोड़ रुपए की संपत्ति भी कन्यादान के रूप में दे दी। 
दरअसल, विठ्ठल रादडिया के पुत्र कल्पेश की 9 महीने पहले आकस्मिक मौत हो गई थी। स्वर्गवासी बेटे के दो मासूम बच्चों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए उन्होंने बहू का पुनविर्वाह किया। आपको बता दें कि विठ्ठलभाई ने अपनी बहू की शादी हार्दिक कुमार के साथ करा दी। हार्दिक सूरत में विठ्ठलभाई के पुत्र ललित भाई के यहां कर्मचारी के तौर पर काम करते हैं। शुक्रवार को जामकंडोरणा में पर्यटन मंत्री जयेश रादडिया, चेतन रामाणी सहित अन्य मेहमानों की उपस्थिति में विवाह हुआ। कन्यादान में रादडिया ने बहू मनीषा को 100 करोड़ रुपए की संपत्ति दी।

बहन-भाई बन लिया कमरा, फिर खूनी खेल, मिला सुसाइड नोट और प्रेमपत्र

बहन-भाई बन लिया कमरा, फिर खूनी खेल, मिला सुसाइड नोट और प्रेमपत्र
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अजय शास्त्री (संपादक) बॉलीवुड सिने रिपोर्टर
Email: editorbcr@gmail.com
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बीसीआर (मथुरा/उत्तर प्रदेश) मथुरा के कृष्णानगर चौकी क्षेत्र की आनंदपुरी कालोनी में किराए पर रहने आए बीटीसी छात्र ने प्रेमिका को गोली मारकर खुद आत्महत्या कर ली। दोनों ने गुरुवार की शाम को ही खुद को बहन-भाई बताकर कमरा किराए पर लिया था।
मृतक युवक सोनवीर सिंह नौहवार पुत्र मान सिंह फौजी निवासी गांव मिट्ठौली गिरिराज महाराज विद्यालय में बीटीसी का छात्र था। मृतक युवती ज्योति पुत्री दलवीर सिंह निवासी गांव चांदपुर खुर्द भी इसी कालेज में बीएससी प्रथम वर्ष की छात्रा थी।
बताया गया कि कमरा लेने के बाद गुरुवार की रात को दोनों बाहर खाना खाने गए और करीब साढ़े नौ बजे आकर सो गए। कालोनी के लोगों ने रात में एक बजे के करीब तीन बार फायर की आवाज सुनी थी।
शुक्रवार की सुबह सात बजे मकान मालिक राजेन्द्र गौतम घूमकर लौटे तो सोनवीर के कमरे से खून बहकर निकलता देखा। दरवाजे और खिड़की की झिरी से अंदर झांका तो दोनों लहूलुहान हालत में पड़े थे।
सूचना पर पुलिस पहुंची अंदर से बंद दरवाजे को तोड़कर कमरे में प्रवेश किया। युवती की कनपटी पर गोली लगी थी। युवक के सीने और कनपटी सहित दो गोली लगी थीं। युवक के हाथ के पास तमंचा पड़ा मिला।
मोबाइल में रिकार्ड और शैक्षिक प्रमाणपत्रों के आधार पर परिवारीजनों से बात की गई। छानबीन में सोनवीर का लिखा सुसाइड नोट भी मिला। मोबाइल में दर्ज नंबर से जनकपुरी कालोनी में किराए पर रह रही मृतक युवती की बहन को बुलाया गया। बहन ने बताया कि ज्योति और सोनवीर के गांव निकट होने से परिवारीजनों ने रिश्ते को स्वीकार नहीं किया था। कुछ दिनों पूर्व दोनों में संबंध भी बिगड़ गए थे। गुरुवार रात को ज्योति कमरे से थोड़ी देर बाद आने की कहकर निकली थी और नहीं लौटी। 
एसपी सिटी मनोज सोनकर ने बताया कि बीटीसी छात्र और बीएससी की छात्रा ने आत्महत्या की है। तमंचा कारतूस, सुसाइड नोट और कुछ पत्र मिले हैं। मामला प्राथमिक तौर पर प्रेम संबंधों और कुछ अनबन का लग रहा है। युवती की बहन ने कुछ बताया है। पूरे मामले की विवेचना कराई जा रही है।
मोबाइल में थीं 236 मिस्ड काल, सोनवीर के पास आने से पहले ज्योति ने अपना मोबाइल छोटी बहन के पास ही छोड़ दिया था। उसकी बहन ने बताया कि वह थोड़ी देर में आने की कहकर निकली थी। हत्या-आत्महत्या के बाद पहुंची पुलिस ने सोनवीर के मोबाइल देखे तो उसमें एक नंबर की 236 मिस्ड काल थीं। पुलिस ने उस नंबर पर काल किया और छोटी बहन को मौके पर बुलाया।
पुलिस को सोनवीर की किताबों से करीब 12 प्रेमपत्र मिले। जिस गद्दे पर ज्योति का रक्त रंजित शव पड़ा था उसके नीचे सोनवीर का लिखा सुसाइड नोट मिला। सुसाइड नोट में सोनवीर ने लिखा कि उसने घटना को अंजाम देने के लिए तमंचा और पांच कारतूस पांच हजार में खरीदे थे। कमरे से एक खाली खोखा, एक बुलेट, एक तमंचे में फंसा हुआ और दो जिंदा कारतूस बरामद हुए हैं।
बीटीसी छात्र सोनवीर सिंह नौहवार के मोबाइल में युवती ज्योति और उसके बीच की बातचीत की रिकार्डिंग है। मोबाइल में दोनों के वीडियो भी हैं। मौके पर पहुंची ज्योति की बहन ने सोनवीर के मोबाइल कब्जा लिए थे। सोनवीर के सुसाइड नोट में उसके मोबाइल में वीडियो और वाइस रिकार्डिंग की बात लिखी होने पर पुलिस को मोबाइल का ध्यान आया।
ज्योति की बहन सोनवीर के मोबाइल से रिकार्डिंग डिलीट कर रही थी। कोतवाली प्रभारी कुंवर सिंह ने उनको फटकारा। उसे साक्ष्य मिटाने पर कार्रवाई की चेतावनी दी। फिर वह सारी बातें बताने लगी। पुलिस के अनुसार उसने ज्योति के मोबाइल से भी कुछ रिकार्डिंग डिलीट करने की जानकारी दी।
डिलीट रिकार्डिंग को किसी विशेषज्ञ से रिकवर कराया जाएगा। सूचना पर एसपी सिटी मनोज सोनकर, सीओ सिटी अनिल यादव, कोतवाली प्रभारी व कृष्णानगर पुलिस मौके पर पहुंच गई थी।

तीन लड़कियों ने किया अपना खुद का बैण्ड ‘‘जुगलबंदियाॅ‘‘ लाॅच

तीन लड़कियों ने किया अपना खुद का बैण्ड ‘‘जुगलबंदियाॅ‘‘ लाॅच
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अजय शास्त्री (संपादक) बॉलीवुड सिने रिपोर्टर 
Email: editorbcr@gmail.com
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बीसीआर (नई दिल्ली) भारतीय बॉलीवुड संगीत में ऐसा बहुत कम देखने को मिलता है कि लड़किया खुद का अपना एक बैंड चलायें। लेकिन ऐसा हीं कारनामा कर दिखाया है दिल्ली की तीन लड़कियाॅ प्रीती, रेशमा और शालू ने। इन तीन लड़कियों ने अपना खुद का एक बैंड खोला है जिसका नाम रखा ‘‘जुगलबंदियाॅ‘‘ जिसकी लाॅचिंग नई दिल्ली के होटल ‘‘पार्क प्लाजा‘‘ में मिडिया के समक्ष की गई। ‘‘जुगलबंदियाॅ‘‘ जैसा कि नाम से हीं संगीत झलक रहा है तीन बहुत हीं टैलंेटेड लड़कियों का ग्रुप है जिसे ट्रेन किया है संगीत जगत की जानी-मानी हस्ती परमजीत सिंह ने जिन्होने अपनी कंपनी ‘‘गोल्डन मेलोडिज प्राईवेट लिमिटेड‘‘ के जरिये इनको बहुत हीं अच्छे ढ़ंग से ट्रेन किया है।
इस खास मौके पर प्रीती, रेशमा और शालू ने मीडिया के समक्ष अपने कुछ बेहतरीन नगमें भी पेश किये जिसे सुनकर लोग झूमने पर मजबूर हो गयें। इन तीनो ने लगभग हर तरह के गाने गाकर वहाॅ मौजूद लोगों का भरपूर मनोरंजन किया। बाॅलीवूड के इन गानों में इश्क़ वाला लव, चली रे, जानें जाॅ ओ मेरी जानें जा, सूफी गीत लाल इष्क, जहेंनसीब और फिर ले आया दिल के नाम शामिल हैं।
‘‘जुगलबंदियाॅ‘‘ ग्रुप की पहली बंदी यानी प्रीती नागराजन जो कि मशहूर भजन गायक सी के नागराजन की बेटी भी हैं, जिन्हें संगीत धरोहर में मिली है। साथ हीं नृत्य की शिक्षा उन्होने बीरजू महाराज से और अपनी माॅ अरूणा नागराजन से ली है। पुराने गीतों की शौकीन प्रीती महान गायिका लता मंगेशकर जी को अपना आयडल मानती हैं। वहीं जुगलबंदियाॅ की दूसरी बंदी यानी रेशमा दास जो कि किसी म्यूजिकल घराने से तो ताल्लूक नहीं रखती है फिरभी उनकी बेहतरीन आवाज लोगों के दिल को छू जाती है। अपने स्कूल और काॅलेज में संगीत और गायकी में कई एवार्ड जीतने वाली रेषमा का स्टाईल सूफी संगीत है और उन्हें सूफी गाने गाना ज्यादा पसंद है। रही जुगलबंदियाॅ की तीसरी बंदी यानी शालू मेहरा की बात तो शालू बहुत हीं बेहतरीन म्यूजिक फैमली से ताल्लूक रखती हैं। उनके माता-पिता गणेष और विजयालक्ष्मी मेहरा संगीत जगत की जानी-मानी जोडि़यों में से एक है। म्यूजिक घराने से ताल्लूक रखने के साथ-साथ शालू बिरजू अभी बीरजू महाराज से कथक भी सीख रहीं हैं। शालू की पसंदीदा गायकी की बात करें तो शालू को नये और पेपी गाने गाने का बहुत शौक है। उनकी मधुर आवाज उनकी इस गायकी पर चार चाॅद लगा देती है।