Saturday 27 September 2014

तीन लड़कियों ने किया अपना खुद का बैण्ड ‘‘जुगलबंदियाॅ‘‘ लाॅच

तीन लड़कियों ने किया अपना खुद का बैण्ड ‘‘जुगलबंदियाॅ‘‘ लाॅच
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अजय शास्त्री (संपादक) बॉलीवुड सिने रिपोर्टर 
Email: editorbcr@gmail.com
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बीसीआर (नई दिल्ली) भारतीय बॉलीवुड संगीत में ऐसा बहुत कम देखने को मिलता है कि लड़किया खुद का अपना एक बैंड चलायें। लेकिन ऐसा हीं कारनामा कर दिखाया है दिल्ली की तीन लड़कियाॅ प्रीती, रेशमा और शालू ने। इन तीन लड़कियों ने अपना खुद का एक बैंड खोला है जिसका नाम रखा ‘‘जुगलबंदियाॅ‘‘ जिसकी लाॅचिंग नई दिल्ली के होटल ‘‘पार्क प्लाजा‘‘ में मिडिया के समक्ष की गई। ‘‘जुगलबंदियाॅ‘‘ जैसा कि नाम से हीं संगीत झलक रहा है तीन बहुत हीं टैलंेटेड लड़कियों का ग्रुप है जिसे ट्रेन किया है संगीत जगत की जानी-मानी हस्ती परमजीत सिंह ने जिन्होने अपनी कंपनी ‘‘गोल्डन मेलोडिज प्राईवेट लिमिटेड‘‘ के जरिये इनको बहुत हीं अच्छे ढ़ंग से ट्रेन किया है।
इस खास मौके पर प्रीती, रेशमा और शालू ने मीडिया के समक्ष अपने कुछ बेहतरीन नगमें भी पेश किये जिसे सुनकर लोग झूमने पर मजबूर हो गयें। इन तीनो ने लगभग हर तरह के गाने गाकर वहाॅ मौजूद लोगों का भरपूर मनोरंजन किया। बाॅलीवूड के इन गानों में इश्क़ वाला लव, चली रे, जानें जाॅ ओ मेरी जानें जा, सूफी गीत लाल इष्क, जहेंनसीब और फिर ले आया दिल के नाम शामिल हैं।
‘‘जुगलबंदियाॅ‘‘ ग्रुप की पहली बंदी यानी प्रीती नागराजन जो कि मशहूर भजन गायक सी के नागराजन की बेटी भी हैं, जिन्हें संगीत धरोहर में मिली है। साथ हीं नृत्य की शिक्षा उन्होने बीरजू महाराज से और अपनी माॅ अरूणा नागराजन से ली है। पुराने गीतों की शौकीन प्रीती महान गायिका लता मंगेशकर जी को अपना आयडल मानती हैं। वहीं जुगलबंदियाॅ की दूसरी बंदी यानी रेशमा दास जो कि किसी म्यूजिकल घराने से तो ताल्लूक नहीं रखती है फिरभी उनकी बेहतरीन आवाज लोगों के दिल को छू जाती है। अपने स्कूल और काॅलेज में संगीत और गायकी में कई एवार्ड जीतने वाली रेषमा का स्टाईल सूफी संगीत है और उन्हें सूफी गाने गाना ज्यादा पसंद है। रही जुगलबंदियाॅ की तीसरी बंदी यानी शालू मेहरा की बात तो शालू बहुत हीं बेहतरीन म्यूजिक फैमली से ताल्लूक रखती हैं। उनके माता-पिता गणेष और विजयालक्ष्मी मेहरा संगीत जगत की जानी-मानी जोडि़यों में से एक है। म्यूजिक घराने से ताल्लूक रखने के साथ-साथ शालू बिरजू अभी बीरजू महाराज से कथक भी सीख रहीं हैं। शालू की पसंदीदा गायकी की बात करें तो शालू को नये और पेपी गाने गाने का बहुत शौक है। उनकी मधुर आवाज उनकी इस गायकी पर चार चाॅद लगा देती है।

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