Sunday 28 September 2014

रॉक स्टार बने मोदी, युवाओं को किया मंत्रमुग्ध

रॉक स्टार बने मोदी, युवाओं को किया मंत्रमुग्ध
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अजय शास्त्री (संपादक) बॉलीवुड सिने रिपोर्टर 
Email: editorbcr@gmail.com
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बीसीआर (न्यूयॉर्क) अमेरिका दौरे पर पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने हर कदम से लोगों को चौंकने पर मजबूर कर रहे हैं। मोदी द्वारा प्रोटोकॉल तोड़कर प्रशंसकों से मिलने की हैरानी अभी खत्म नहीं हुई थी कि एक रॉक कंसर्ट में करीब 65 हजार लोगों को मंच से संबोधित कर मोदी ने मंत्रमुग्ध कर दिया।
सेंट्रल पार्क में ग्लोबल सिटीजन फेस्टिवल के मौके पर मंच से मोदी ने सफाई, शिक्षा और गरीबी मिटाने जैसे आधारभूत मुद्दों पर युवाओं से काम करने की अपील की। मोदी ने कहा कि किसी बंद कॉन्फ्रेंस रूम की बजाय इस खुले पार्क में युवाओं के बीच मैं खुद को आनंदित महसूस कर रहा हूं। जे जी, बियोंसे और अन्य मशहूर गायकों के बीच अभिनेता हग जैकमैन ने मोदी का परिचय कराया।
उन्होंने बताया कि किस तरह से मोदी ने एक चाय वाले से लेकर गुजरात का मुख्यमंत्री और फिर भारी मतों से भारत का प्रधानमंत्री बनने तक का सफर तय किया। युवाओं को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा, 'मैं आपको सलाम करता हूं। मुझे आप सब पर गर्व है। मुझे भरोसा है कि आपके परिवार, मित्र और राष्ट्र को भी आप पर इतना ही गर्व होगा।' उन्होंने कहा, 'कुछ लोगों का मानना है कि दुनिया वरिष्ठों के ज्ञान से बदलती है। मेरा विचार है कि युवाओं की सोच, इनोवेशन, ऊर्जा और 'कैन डू' वाला स्वभाव ज्यादा ताकतवर है।'
मोदी ने गरीबी हटाने, सबको शिक्षा और स्वच्छ जीवन मुहैया कराने की दिशा में ग्लोबल सिटीजन आंदोलन के प्रयासों की प्रशंसा की। मोदी ने कहा कि मैंने समर्थन जुटाने और यह भरोसा दिलाने के लिए इस समारोह में शामिल होने का फैसला लिया कि भारत के युवा भी इसमें जुड़ सकते हैं।
मोदी ने अपने सात मिनट के अंग्रेजी में भाषण के बाद विश्व शांति की प्रार्थना के लिए संस्कृत का श्लोक भी पढ़ा। उन्होंने वहां उपस्थित लोगों के साथ-साथ टीवी, लैपटॉप, टैबलेट और फोन पर कंसर्ट सुन रहे लोगों का भी 'नमस्ते' से अभिवादन किया। मोदी ऐसे पहले भारतीय नेता बन गए जिसने रॉक कंसर्ट के मंच से लोगों को सामाजिक संदेश दिया। संयुक्त राष्ट्र के महासचिव बान की मून भी कंसर्ट में उपस्थित रहे।

Saturday 27 September 2014

बेटे की मौत के बाद कराई बहू की शादी, कन्यादान में दी 100 करोड़ की प्रॉपर्टी

बेटे की मौत के बाद कराई बहू की शादी, कन्यादान में दी 100 करोड़ की प्रॉपर्टी
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अजय शास्त्री (संपादक) बॉलीवुड सिने रिपोर्टर 
Email: editorbcr@gmail.com
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बीसीआर (गुजरात) पोरबंदर के भाजपा सांसद विठ्ठल रादडिया ने शुक्रवार को लोगों के सामने एक मिसाल कायम करते हुए वह कर दिखाया है जिसके बाद हर लड़की के घर वाले यही सोचेंगे की उनकी बेटी को भी ऐसा ही ससुराल मिले। विठ्ठल रादडिया ने पुत्र कल्पेश के आकस्मिक निधन के बाद बहू मनीषा की आज दोबारा शादी करवा दी। यही नहीं रादडिया ने बहू को बेटी मानकर स्वर्गवासी पुत्र कल्पेश की लगभग 100 करोड़ रुपए की संपत्ति भी कन्यादान के रूप में दे दी। 
दरअसल, विठ्ठल रादडिया के पुत्र कल्पेश की 9 महीने पहले आकस्मिक मौत हो गई थी। स्वर्गवासी बेटे के दो मासूम बच्चों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए उन्होंने बहू का पुनविर्वाह किया। आपको बता दें कि विठ्ठलभाई ने अपनी बहू की शादी हार्दिक कुमार के साथ करा दी। हार्दिक सूरत में विठ्ठलभाई के पुत्र ललित भाई के यहां कर्मचारी के तौर पर काम करते हैं। शुक्रवार को जामकंडोरणा में पर्यटन मंत्री जयेश रादडिया, चेतन रामाणी सहित अन्य मेहमानों की उपस्थिति में विवाह हुआ। कन्यादान में रादडिया ने बहू मनीषा को 100 करोड़ रुपए की संपत्ति दी।

बहन-भाई बन लिया कमरा, फिर खूनी खेल, मिला सुसाइड नोट और प्रेमपत्र

बहन-भाई बन लिया कमरा, फिर खूनी खेल, मिला सुसाइड नोट और प्रेमपत्र
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अजय शास्त्री (संपादक) बॉलीवुड सिने रिपोर्टर
Email: editorbcr@gmail.com
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बीसीआर (मथुरा/उत्तर प्रदेश) मथुरा के कृष्णानगर चौकी क्षेत्र की आनंदपुरी कालोनी में किराए पर रहने आए बीटीसी छात्र ने प्रेमिका को गोली मारकर खुद आत्महत्या कर ली। दोनों ने गुरुवार की शाम को ही खुद को बहन-भाई बताकर कमरा किराए पर लिया था।
मृतक युवक सोनवीर सिंह नौहवार पुत्र मान सिंह फौजी निवासी गांव मिट्ठौली गिरिराज महाराज विद्यालय में बीटीसी का छात्र था। मृतक युवती ज्योति पुत्री दलवीर सिंह निवासी गांव चांदपुर खुर्द भी इसी कालेज में बीएससी प्रथम वर्ष की छात्रा थी।
बताया गया कि कमरा लेने के बाद गुरुवार की रात को दोनों बाहर खाना खाने गए और करीब साढ़े नौ बजे आकर सो गए। कालोनी के लोगों ने रात में एक बजे के करीब तीन बार फायर की आवाज सुनी थी।
शुक्रवार की सुबह सात बजे मकान मालिक राजेन्द्र गौतम घूमकर लौटे तो सोनवीर के कमरे से खून बहकर निकलता देखा। दरवाजे और खिड़की की झिरी से अंदर झांका तो दोनों लहूलुहान हालत में पड़े थे।
सूचना पर पुलिस पहुंची अंदर से बंद दरवाजे को तोड़कर कमरे में प्रवेश किया। युवती की कनपटी पर गोली लगी थी। युवक के सीने और कनपटी सहित दो गोली लगी थीं। युवक के हाथ के पास तमंचा पड़ा मिला।
मोबाइल में रिकार्ड और शैक्षिक प्रमाणपत्रों के आधार पर परिवारीजनों से बात की गई। छानबीन में सोनवीर का लिखा सुसाइड नोट भी मिला। मोबाइल में दर्ज नंबर से जनकपुरी कालोनी में किराए पर रह रही मृतक युवती की बहन को बुलाया गया। बहन ने बताया कि ज्योति और सोनवीर के गांव निकट होने से परिवारीजनों ने रिश्ते को स्वीकार नहीं किया था। कुछ दिनों पूर्व दोनों में संबंध भी बिगड़ गए थे। गुरुवार रात को ज्योति कमरे से थोड़ी देर बाद आने की कहकर निकली थी और नहीं लौटी। 
एसपी सिटी मनोज सोनकर ने बताया कि बीटीसी छात्र और बीएससी की छात्रा ने आत्महत्या की है। तमंचा कारतूस, सुसाइड नोट और कुछ पत्र मिले हैं। मामला प्राथमिक तौर पर प्रेम संबंधों और कुछ अनबन का लग रहा है। युवती की बहन ने कुछ बताया है। पूरे मामले की विवेचना कराई जा रही है।
मोबाइल में थीं 236 मिस्ड काल, सोनवीर के पास आने से पहले ज्योति ने अपना मोबाइल छोटी बहन के पास ही छोड़ दिया था। उसकी बहन ने बताया कि वह थोड़ी देर में आने की कहकर निकली थी। हत्या-आत्महत्या के बाद पहुंची पुलिस ने सोनवीर के मोबाइल देखे तो उसमें एक नंबर की 236 मिस्ड काल थीं। पुलिस ने उस नंबर पर काल किया और छोटी बहन को मौके पर बुलाया।
पुलिस को सोनवीर की किताबों से करीब 12 प्रेमपत्र मिले। जिस गद्दे पर ज्योति का रक्त रंजित शव पड़ा था उसके नीचे सोनवीर का लिखा सुसाइड नोट मिला। सुसाइड नोट में सोनवीर ने लिखा कि उसने घटना को अंजाम देने के लिए तमंचा और पांच कारतूस पांच हजार में खरीदे थे। कमरे से एक खाली खोखा, एक बुलेट, एक तमंचे में फंसा हुआ और दो जिंदा कारतूस बरामद हुए हैं।
बीटीसी छात्र सोनवीर सिंह नौहवार के मोबाइल में युवती ज्योति और उसके बीच की बातचीत की रिकार्डिंग है। मोबाइल में दोनों के वीडियो भी हैं। मौके पर पहुंची ज्योति की बहन ने सोनवीर के मोबाइल कब्जा लिए थे। सोनवीर के सुसाइड नोट में उसके मोबाइल में वीडियो और वाइस रिकार्डिंग की बात लिखी होने पर पुलिस को मोबाइल का ध्यान आया।
ज्योति की बहन सोनवीर के मोबाइल से रिकार्डिंग डिलीट कर रही थी। कोतवाली प्रभारी कुंवर सिंह ने उनको फटकारा। उसे साक्ष्य मिटाने पर कार्रवाई की चेतावनी दी। फिर वह सारी बातें बताने लगी। पुलिस के अनुसार उसने ज्योति के मोबाइल से भी कुछ रिकार्डिंग डिलीट करने की जानकारी दी।
डिलीट रिकार्डिंग को किसी विशेषज्ञ से रिकवर कराया जाएगा। सूचना पर एसपी सिटी मनोज सोनकर, सीओ सिटी अनिल यादव, कोतवाली प्रभारी व कृष्णानगर पुलिस मौके पर पहुंच गई थी।

तीन लड़कियों ने किया अपना खुद का बैण्ड ‘‘जुगलबंदियाॅ‘‘ लाॅच

तीन लड़कियों ने किया अपना खुद का बैण्ड ‘‘जुगलबंदियाॅ‘‘ लाॅच
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अजय शास्त्री (संपादक) बॉलीवुड सिने रिपोर्टर 
Email: editorbcr@gmail.com
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बीसीआर (नई दिल्ली) भारतीय बॉलीवुड संगीत में ऐसा बहुत कम देखने को मिलता है कि लड़किया खुद का अपना एक बैंड चलायें। लेकिन ऐसा हीं कारनामा कर दिखाया है दिल्ली की तीन लड़कियाॅ प्रीती, रेशमा और शालू ने। इन तीन लड़कियों ने अपना खुद का एक बैंड खोला है जिसका नाम रखा ‘‘जुगलबंदियाॅ‘‘ जिसकी लाॅचिंग नई दिल्ली के होटल ‘‘पार्क प्लाजा‘‘ में मिडिया के समक्ष की गई। ‘‘जुगलबंदियाॅ‘‘ जैसा कि नाम से हीं संगीत झलक रहा है तीन बहुत हीं टैलंेटेड लड़कियों का ग्रुप है जिसे ट्रेन किया है संगीत जगत की जानी-मानी हस्ती परमजीत सिंह ने जिन्होने अपनी कंपनी ‘‘गोल्डन मेलोडिज प्राईवेट लिमिटेड‘‘ के जरिये इनको बहुत हीं अच्छे ढ़ंग से ट्रेन किया है।
इस खास मौके पर प्रीती, रेशमा और शालू ने मीडिया के समक्ष अपने कुछ बेहतरीन नगमें भी पेश किये जिसे सुनकर लोग झूमने पर मजबूर हो गयें। इन तीनो ने लगभग हर तरह के गाने गाकर वहाॅ मौजूद लोगों का भरपूर मनोरंजन किया। बाॅलीवूड के इन गानों में इश्क़ वाला लव, चली रे, जानें जाॅ ओ मेरी जानें जा, सूफी गीत लाल इष्क, जहेंनसीब और फिर ले आया दिल के नाम शामिल हैं।
‘‘जुगलबंदियाॅ‘‘ ग्रुप की पहली बंदी यानी प्रीती नागराजन जो कि मशहूर भजन गायक सी के नागराजन की बेटी भी हैं, जिन्हें संगीत धरोहर में मिली है। साथ हीं नृत्य की शिक्षा उन्होने बीरजू महाराज से और अपनी माॅ अरूणा नागराजन से ली है। पुराने गीतों की शौकीन प्रीती महान गायिका लता मंगेशकर जी को अपना आयडल मानती हैं। वहीं जुगलबंदियाॅ की दूसरी बंदी यानी रेशमा दास जो कि किसी म्यूजिकल घराने से तो ताल्लूक नहीं रखती है फिरभी उनकी बेहतरीन आवाज लोगों के दिल को छू जाती है। अपने स्कूल और काॅलेज में संगीत और गायकी में कई एवार्ड जीतने वाली रेषमा का स्टाईल सूफी संगीत है और उन्हें सूफी गाने गाना ज्यादा पसंद है। रही जुगलबंदियाॅ की तीसरी बंदी यानी शालू मेहरा की बात तो शालू बहुत हीं बेहतरीन म्यूजिक फैमली से ताल्लूक रखती हैं। उनके माता-पिता गणेष और विजयालक्ष्मी मेहरा संगीत जगत की जानी-मानी जोडि़यों में से एक है। म्यूजिक घराने से ताल्लूक रखने के साथ-साथ शालू बिरजू अभी बीरजू महाराज से कथक भी सीख रहीं हैं। शालू की पसंदीदा गायकी की बात करें तो शालू को नये और पेपी गाने गाने का बहुत शौक है। उनकी मधुर आवाज उनकी इस गायकी पर चार चाॅद लगा देती है।

Friday 26 September 2014

फिल्म ‘‘इक्कीस तोपों की सलामी‘‘ का प्रमोशन ज़ोरों पर

फिल्म ‘‘इक्कीस तोपों की सलामी‘‘ का प्रमोशन  ज़ोरों पर
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अजय शास्त्री (संपादक)
बॉलीवुड सिने रिपोर्टर
Email: editorbcr@gmail.com


बीसीआर (नॉएडा) नौटंकी फिल्मस् के बैनर तले डायरेक्टर रवीन्द्र गौतम की आने वाली फिल्म ‘‘इक्कीस तोपों की सलामी‘‘ की प्रेस काॅन्फ्रेंस नोएडा के होटल ‘‘रेडीषन ब्लू‘‘ में संपन्न हुई। इस मौके पर फिल्म के मुख्य कलाकार बाॅलीवूड के जाने-माने अभिनेता अनुपम खेर और बाॅलीवूड की हाॅट गर्ल नेहा धुपीया ने मिडिया के समक्ष पहुॅचकर अपनी फिल्म के बारें में बातचीत की।
फिल्म में अपने किरदार के बारें में बतलाते हुए अभिनेता अनुपम खेर ने कहा ‘‘ इस फिल्म में मैं पुरूषोत्तम नारायण जोषी का किरदार निभा रहा हॅू जो कि एक सरकारी एम्लाई है। पुरूषोत्तम एक बहुत हीं इमानदार आदमी जिसने अपने पूरे जीवन में कभी किसी से कुछ नहीं लिया है। उसके दो बेटें हैं सुभाष जोषी (दिव्येन्दु शर्मा) और शेखर जोषी (मनु रिषी) अपनी पूरी जिंदगी वो अपने बेटों को अच्छी देकर एक बड़ा इंसान बनाता है। पुरूषोत्तम के दोनों बेटे जानतें हैं कि उनके पापा की एक हीं इच्छा है ‘‘इक्कीस तोपों की सलामी‘‘। पर क्या वो अपने पापा कि इस इच्छा को पूरा कर पातें हैं और अगर कर भी पातें है तो कैसे ये तो आपको फिल्म देखने के बाद हीं पता चलेगा। पर मैं इतना जरूर कहना चाहुॅगा कि इस फिल्म को देखकर आपको बहुत मजा आयेगा‘‘। वहीं इस मौके पर अपने किरदार के बारें में बतलाते हुए अभिनेत्री नेहा धुपीया ने कहा ‘‘ इस फिल्म में मेरे किरदार का नाम जयप्रभा है। फिल्म में मेरा किरदार ज्यादा लम्बा तो नहीं है क्योंकि पूरी फिल्म अनुपम जी पर बेस्ड है पर जितना भी मेरा किरदार है उसमें मैने अपना 100 प्रतिषत देने की कोषीष की है और मुझे पूरी उम्मीद है कि ये फिल्म लोगों को काफी पसंद आयेगी‘‘।
गौरतलब है कि ये फिल्म 10 अक्टूबर को सिनेमाघरों में रिलिज हो रही है। फिल्म में अनुपम खेर और नेहा धुपीया के अलावा दिव्येन्दु शर्मा, मनु रिषी, अदिती शर्मा और राजेष शर्मा भी अलग-अलग भूमिकाओं में नजर आयेंगें।

यस मिश्रा और संगीता तिवारी की हिट जोड़ी फिल्म "हीरो गमछा वाला" में

यस मिश्रा और संगीता तिवारी
की हिट जोड़ी फिल्म "हीरो गमछा वाला" में
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अजय शास्त्री (संपादक)
बॉलीवुड सिने रिपोर्टर
Email: editorbcr@gmail.com
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बीसीआर (सीतामढी/ सोनू निगम) यस मिश्रा और संगीता तिवारी कि जोड़ी फिल्म  "हीरो गमछा वाला" में देखने को मिलेगा। फिल्म के निर्माता रितेश ठाकुर निर्देशक विष्णु शंकर बेलु लेखक एस0 के0 चैहान है। फिल्म आकाश इन्टरटेनमेन्ट के बैनर द्वारा बनी है फिल्म यस मिश्रा और संगीता तिवारी के उपर दो गाना भी फिल्माया गया है। दोनो गाना भोजपुरीया दर्शक को दिवाना बना देंगे।

यश मिश्रा बन गये ‘‘हीरो गमछा वाला’’


यश मिश्रा बन गये ‘‘हीरो गमछा वाला’’
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अजय शास्त्री (संपादक)
बॉलीवुड सिने रिपोर्टर
Email: editorbcr@gmail.com
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बीसीआर (सीतामढी/सोनू निगम) निर्माता रितेश ठाकुर, निर्देशक विष्णुशंकर बेलू व आकाश इन्टरटेनमेन्ट प्रस्तुत ‘‘हीरो गमछा वाला’’ का शुटिंग शुरु हो गया है। फिल्म के लेखक एस0 के0 चैहान, संगीत छोटे बाबा, गीत विनय बिहारी, आजाद सिंह, फनीन्द्र राव, कैमरा महेश वेंकेट, कला अवधेश राय का है। फिल्म में यश मिश्रा व अंजना की फिर जबरदस्त जोड़ी देखने को मिलेगी। उनके अलावा संगीता तिवारी, प्रकाश जैस, राजन मोदी, विपीन सिंह, अनील यादव, पल्लवी, माही, भाई ठाकुर मुख्य भुमिका में नजर आयेंगे। फिल्म की शुटिंग सीतामढ़ी व मुम्बई के विभिन्न लोकेशनों पर की जा रही है। फिल्म के प्रचार-प्रसार का कमान संभाला है सोनू निगम ने। 

"सपेरा" का पोस्ट प्रोडक्शन जोरों से

"सपेरा" का पोस्ट प्रोडक्शन जोरों से
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अजय शास्त्री (संपादक) 
बॉलीवुड सिने रिपोर्टर
Email: editorbcr@gmail.com
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बीसीआर (सीतामढी/सोनू निगम) आकाश इन्टरटेनमेन्ट के बैनर तले निर्माता रितेश ठाकुर व निर्देशक विष्णुशंकर बेलू की भोजपुरी फिल्म "सपेरा" का पोस्ट प्रोडक्शन मुम्बई में शुरु हो गया ह। फिल्म में भोजपुरी के सुपरस्टार पवन सिंह व यश मिश्रा इनके अलावा ब्रजेश त्रिपाठी, अनुप अरोड़ा, रितु सिंह, प्रकाश जैस, मनीषा सिंह, पल्लवी, निलम पाण्डेय, विकेश सिंह, संजीव मिश्रा व भाई ठाकुर प्रमुख भुमिका में है। फिल्म के लेखक मनोज कुशवाहा, कैमरा महेश वेंकेट, संगीत छोटे बाबा, गीत विनय बिहारी, फनीन्द्र राव, आजाद सिंह, कला अवधेश राय। फिल्म नाग-नागीन के कहानी पर आधारीत है। फिल्म में एक से बढ़कर एक गीत दिया गया है जिसे दर्शक काफी पसंद करेंगे।




DESI KATTE -Film Promotion by BOLLYWOOD CINE REPORTER (BCR NEWS)

 DESI KATTE 
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Film Promotion by BOLLYWOOD CINE REPORTER (BCR NEWS)

वडोदरा में सांप्रदायिक हिंसा, आगजनी

वडोदरा में सांप्रदायिक हिंसा, आगजनी
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अजय शास्त्री (संपादक)
बॉलीवुड सिने रिपोर्टर
Email: editorbcr@gmail.com
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बीसीआर (वड़ोदरा) गुजरात के वडोदरा में दो समुदायों के बीच सांप्रदायिक हिंसा हुई। पुलिस ने आंसू गैस छोड़कर भीड़ को काबू करने की कोशिश की। 
इंडियन एक्प्रेस में छपी खबर के अनुसार पुलिस ने बताया कि दो समुदायों में सांप्रदायिक विवाद के बाद एक दूसरे पर पत्थरबाजी की और कई वाहनों और दुकानों में आग लगा दी। 
वडोदरा के पुलिस कमिश्नर राधाकृष्णन के अनुसार वडोदरा के कुम्भरवाड़ इलाके से पत्थरबाजी की शिकायत दर्ज की गई। अभी तक विवाद का कारण स्पष्ट नहीं हुआ है लेकिन अंदेशा जाताया जा रहा है कि सोशल मीडिया पर पोस्ट की गई किसी तस्वीर पर आपत्ति के बाद यह हिंसा भड़की। 
आगजनी की इस घटना के बाद इलाके में तुरंत आगजनी को काबू करने के लिए टीम भेजी गई। 
पुलिस कमिश्नर राधाकृष्णन के अनुसार घटना के बार में पता चलते ही तुरंत फोर्स टीम को भेजा गया और हालत काबू में लिए गए। 
पुलिस ने कहा कि हम स्थिति को काबू करने के लिए सारे प्रयास कर रहे हैं। स्टेट रिजर्व पुलिस और रैपिड एक्शन फोर्स टीम को कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए घटना स्थल पर भेजा गया है। 

फिल्म समीक्षा 'देसी कट्टे'

फिल्म समीक्षा 'देसी कट्टे'
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फिल्म समीक्षक: अजय शास्त्री (संपादक) बॉलीवुड सिने रिपोर्टर 
प्रमुख कलाकार: सुनील शेट्टी, जय भानुशाली, टिया बाजपेई और आशुतोष राणा।
निर्देशक: आनंद कुमार
संगीतकार: कैलाश खेर
असोसिएट निर्माता: मनुज शर्मा 
रेटिंग: चार स्टार ****

बीसीआर (नई दिल्ली) उत्तर प्रदेश की अपराधिक पृष्ठ भूमि पर बनी आनंद कुमार की फिल्म 'देसी कट्टे' अपने आप में एक सबक है जो ये साबित करती है कि इंसान कितना भी बुरा क्यों न हो, अगर उसको सही रास्ता दिखने वाला हो तो वह भी एक अच्छा इंसान बन सकता है. अगर वो चाहे तो ! यह फिल्म दो दोस्तों की कहानी है, जो बचपन से एक साथ गैंगवॉर, अपराध, राजनीति का दुष्चक्र, खेल के प्रति जागरूकता, समाज में बढ़ रहे अपराधीकरण आदि विषयों पर आधारित है। मगर बड़े होने के बाद दोनों दोस्तों के रास्ते अलग-अलग हो जाते है एक दोस्त अपराध की दुनिया का बादशाह बन जाता है और एक खेल जगत कि दुनिया में देश का नाम रोशन करता है, इस फिल्म में समाज से जुडी हुयी समस्यांओं को दर्शाया गया है, फिल्म में कैलाश खेर का म्यूजिक भी दर्शकों को अपनी तरफ आकर्षित कर रहा है, क्लॉडिया पर फिल्माया गया आयटम सांग "मै पटने वाली हूँ" को काफी पसंद किया जा रहा है.  
आनंद कुमार का निर्देशन बहुत ही अच्छा है और नए कलाकारों को निखरने का पूरा मौका दिया है। जयभानुशाली मंझे हुए कलाकार है मगर पहली बार परदे पर उत्तर रहे अखिल कपूर ने भी अपनी दमदार एक्टिंग से दर्शकों को अपना बना लिया है, दोनों ने फिल्म को बांध कर रखा है फिल्म में दोनों की दोस्ती की कमेस्ट्री "शोले" फिल्म के जय और वीरू की याद दिला देती है. हाँ, हम ये मान सकते है कि इस पृष्ठ भूमि पर अनेको फिल्मे आयीं, मगर 'देसी कट्टे' में एक नयापन है, जो अभी तक किसी फिल्म में देखने को नहीं मिला. ये एक रोमांचक फिल्म भी है, फिल्म के चारों मुख्य कलाकार जय भानुशाली, अखिल कपूर, साशा आगा और टिया बाजपेई ने अपना-अपना किरदार बखूबी से निभाया है. आशुतोष राणा और संतोष शुक्ला का किरदार भी काफी सराहनीय रहा है,
'देसी कट्टे' दर्शकों के मुताबिक एक अच्छी फिल्म है जो दर्शकों को पसंद आ रही है और दर्शक फिल्म का भरपूर मजा ले रहे है. दर्शकों को उम्मीद है ये फिल्म ब्लॉकबस्टर साबित होगी. 
फिल्म "देसी कट्टे" के लेखक-आर्यन सक्सेना, निर्देशक-आनंद कुमार, एसोसिएट प्रोडूसर-मनुज शर्मा को "बॉलीवुड सिने रिपोर्टर" (बीसीआर न्यूज़) की और से फिल्म की सफलता की हार्दिक शुभकामनाएं. 

Thursday 25 September 2014

फिल्म निर्माता पर फिल्म में काम देने के बहाने मॉडलों के यौन शोषण का आरोप

फिल्म निर्माता पर फिल्म में काम देने के बहाने मॉडलों के यौन शोषण का आरोप
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अजय शास्त्री (संपादक)
बॉलीवुड सिने रिपोर्टर
Email: editorbcr@gmail.com
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बीसीआर (कोलकाता) असम की रहने वाली दो मॉडलों ने खुद को प्रोड्यूसर बताने वाले जय चिमनलाल देसाई नाम के शख्स पर यौन उत्पीडऩ का आरोप लगाया है। पुलिस ने इस शख्स को गिरफ्तार भी कर लिया है।
पुलिस के मुताबिक, 'जय चिमनलाल ने इनमें से एक मॉडल को एक टेलीफिल्म में रोल के लिए एग्रीमेंट साइन कराने और 11 हजार रुपए एडवांस देने के लिए एक होटल में बुलाया था। शिकायत करने वाली मॉडल ने बताया कि वह अपनी एक मॉडल दोस्त के साथ बालीगंज स्थित उस होटल में पहुंची। चिमनलाल ने दोनों मॉडलों से अपने साथ रात बिताने को कहा। जब इन दोनों मॉडलों ने उसका विरोध किया तो उसने दोनों का यौन उत्पीडऩ किया।'
पुलिस ने उसे गिरफ्तार करके अदालत में पेश कर दिया। चिमनलाल को 26 सितंबर तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। मूलरूप से असम की रहने वाली यह दोनों मॉडल कोलकाता में अपने रिश्तेदारों के साथ रहती हैं। बताया जाता है कि आरोपी मुंबई के एक बड़े प्रोडक्शन हाउस से जुड़ा हुआ है। पुलिस इस बात का भी पता लगाने की कोशिश कर रही है कि चिमनलाल ने इस तरह और कितनी लड़कियों को अपने झांसे में फंसाने की कोशिश की है।

जागरण फिल्‍म फेस्टिवल: आशा पारेख को दिया जाएगा लाइफ टाइम अचीवमेंट अवॉर्ड

जागरण फिल्‍म फेस्टिवल: आशा पारेख को दिया जाएगा लाइफ टाइम अचीवमेंट अवॉर्ड 
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अजय शास्त्री (संपादक) 
बॉलीवुड सिने रिपोर्टर 
Email: editorbcr@gmail.com
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बीसीआर (मुंबई) गुजरे जमाने की मशहूर अदाकारा आशा पारेख को पांचवें जागरण फिल्म समारोह के अंतिम दिन रविवार को लाइफ टाइम अचीवमेंट अवॉर्ड से सम्मानित किया जाएगा।
पांचवें और छठे दशक में बतौर अभिनेत्री आशा पारेख ने अपनी फिल्मों के जरिए खूब धूम मचाई थी। पिछले साल यह सम्मान 'भारत कुमार' के तौर पर लोकप्रिय अभिनेता मनोज कुमार को दिया गया था। समारोह के अधिकारियों के मुताबिक, आशा पारेख के नाम की घोषषणा करते हुए हमें गर्व महसूस हो रहा है। उन्होंने हिदी फिल्मों का नाम दुनियाभर में रोशन किया है। उन्होंने अपनी पहली फिल्म 'दिल दे के देखो' से फिल्म जगत में धमाकेदार दस्तक दी थी। उनकी यादगार फिल्मों में 'कटी पतंग', 'तीसरी मंजिल' और 'कारवां' शामिल हैं।
वर्ष 1992 में आशा पारेख को पद्मश्री से सम्मानित किया गया था। 1995 में उन्होंने फिल्मों से संन्यास ले लिया था। अब उन्होंने अपना सारा ध्यान छोटे पर्दे पर केंद्रित कर दिया है।

बॉलीवुड से दूर हो जाएगा अमिताभ का बेटा ?

बॉलीवुड से दूर हो जाएगा अमिताभ का बेटा ?
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अजय शास्त्री (संपादक) 
बॉलीवुड सिने रिपोर्टर 
Email: editorbcr@gmail.com
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बीसीआर (मुंबई) अभिषेक बच्चन इन दिनों अपने कैरियर को लेकर बहुत गंभीर हैं। उनकी पिछली कुछ फिल्में पिटी थीं और ‘धूम-3’ का क्रेडिट आमिर खान के हिस्से चला गया था। अब ‘हैप्पी न्यू ईयर’ में भी एक टीम है, जिसे शाहरुख खान लीड कर रहे हैं। 
अतः समझा जा सकता है कि अभिषेक कितने नोटिस किए जाएंगे। ऐसे में पता चला है कि जूनियर बी अब साउथ में किस्मत आजमाना चाहते हैं। उनकी कुछ तमिल निर्देशकों से बातचीत चल रही है। अच्छी स्क्रिप्ट मिल गई तो समझो काम हो गया।

ऋतिक की दीवानगी ने बना दिया लुटेरा

ऋतिक की दीवानगी ने बना दिया लुटेरा
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अजय शास्त्री (संपादक) 
बॉलीवुड सिने रिपोर्टर 
Email: editorbcr@gmail.com
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मैं बेहतरीन डांसर बनना चाहता हूं: गैंग लीडर
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बीसीआर (ग़ाज़ियाबाद) गाजियाबाद में कविनगर पुलिस ने बंद घरों में निशाना बनाने वाले गैंग के चार चोरों को पकड़ा है। ये लोग चोरी के जेवरों को मुथूट फाइनेंस में गिरवी रखते थे। 14 वर्षीय गैंग सरगना बॉलीवुड एक्टर ऋतिक रोशन जैसा डांस सीखने और रियलिटी शो में हिस्सा लेने के लिए चोर बन गया।
यह दिल्ली में एक अकादमी में डांस सीख रहा था। हेयर कटिंग और ब्रांडेड कपड़ों पर हजारों खर्च करता था। यह गैंग अब तक 25 से ज्यादा वारदात कर चुका है। पुलिस ने पांच वारदातों का खुलासा करते हुए सोने के जेवर और नगदी बरामद की है।
कविनगर एसएचओ अवनीश गौतम ने बताया कि पकड़े गए चोरों में सूरज चौधरी संजयनगर , बुलंदशहर निवासी विनीत राजनगर और पिंटू रईसपुर में रहता है। तीनों 5वीं से 8वीं तक पढ़े हैं। दिन में दुकानों पर काम करते हैं और रात में बंद घरों में चोरी करते हैं। गैंग का 14 वर्षीय लीडर संजयनगर में एन-ब्लाक में रहता है।
इनके पास से दो हजार रुपये, सोने का लाकेट, कड़ा, दो चाकू और दो आला नकब बरामद किए हैं। गैंग ने 16 जून को संजयनगर में अनिल त्यागी, 27 को राजनगर में सुचि शर्मा, 20 अगस्त राजनगर में विजय कुमार, दो सितंबर को संजय नगर और 12 सितंबर को शास्त्री नगर में चोरी की थीं।
इस दौरान लाखों के जेवर और नगदी पार की थी। चोरी का माल मुथूट फाइनेंस में गिरवी रखते थे। एसएचओ ने बताया कि ये चारों पहले भी जेल जा चुके हैं। तीन को डासना जेल और नाबालिग सरगना को बाल सुधार गृह मेरठ भेजा गया है। इस गैंग का सदस्य टारजन भागा हुआ है।
बकौल एसएचओ, नाबालिग गैंग लीडर ने बताया कि वह ऋतिक रोशन की तरह बेहतरीन डांसर बनना चाहता है। टीवी पर डांस रियलिटी शो में आने की भी उसकी ख्वाहिश है। इसीलिए पिछले कई महीनों से वह दिल्ली में डांस सीख रहा था।

डायरेक्टर कबीर खान ने सलमान के बारे में किया बड़ा खुलासा

डायरेक्टर कबीर खान ने सलमान के बारे में किया बड़ा खुलासा
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अजय शास्त्री (संपादक)
बॉलीवुड सिने रिपोर्टर
Email: editorbcr@gmail.com
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बीसीआर (मुंबई) बॉलीवुड के जाने-माने निर्देशक कबीर खान अभिनेता सलमान खान की लेटलतीफी से परेशान है। लेटलतीफी का दर्द बुधवार रात गुड़गांव के होटल वेस्टिन में पहुंचे वॉच वर्ल्ड अवार्ड के दौरान झलका।
जब उनसे ‘एक था टाइगर’ के दौरान सलमान खान का अनुभव के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि सलमान दबंग स्टाइल में काम करते हैं। निर्देशक की बात को ज्यादा तवज्जो नहीं देते है। अधिकतर समय सेट पर लेट आते हैं।
बता दें कि कबीर खान ने साल 2012 में सलमान को लेकर ‘एक था टाइगर’ बनाई थी। कबीर एक बार फिर से सलमान को लेकर एक फिल्म बनाने जा रहे हैं। हालांकि कबीर खान एक बार फिर सलमान के तौर-तरीकों और उनके दंबंग अंदाज के चलते परेशान हैं।
सलमान खान को लेकर कबीर जो ‌फिल्म बना रहे हैं उसका नाम ‘बजरंगी भाइजान’ रखा गया है। यह एक्शन थ्रिलर फिल्म होगी। फिल्म की शूटिंग इस साल नवंबर से शुरू की जाएगी।
कबीर खान कहते हैं कि इस फिल्म की शूटिंग दिल्ली, राजस्थान, पंजाब और कश्मीर में की जाएगी। सलमान पूरी तरह से एक अलग अवतार में नजर आएंगे।
कहानी बिलकुल आज के समय पर बनी हुई है। फिल्म का बैकग्राउंड लार्जर दैन लाइफ बेस्ड है और साथ ही में एक अच्छी स्टोरी भी है। हालांकि फिल्म की कहानी के बारे में कुछ भी नहीं कहा।
फिल्म के नाम से ही ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि सलमान एक बार फिर दबंग स्टाइल में पर्दे पर नजर आएंगे।

अकबर बीरबल के साथ "शाही" नवरात्रि उत्सव का आनंद उठायें

अकबर बीरबल के साथ "शाही" नवरात्रि उत्सव का आनंद उठायें 
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अजय शास्त्री (संपादक) बॉलीवुड सिने रिपोर्टर
Email:Editorbcr@gmail.com
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बीसीआर (इंदौर) हास्य के लिये भारत के वन स्टाॅप गंतव्य - बिग मैजिक के ऐतिहासिक काॅमेडी अकबर बीरबल में गुरूवार 25 और शुक्रवार 26 सितंबर को नवरात्रि का जष्न काफी धूम-धाम के साथ मनाया जायेगा। चैनल के हंसी से भरपूर कंटेंट की पेशकश करने के वादे पर खरा उतरते हुये शो द्वारा मौज-मस्ती एवं मनोरंजन के साथ त्योहार का जष्न मनाया जायेगा, जो कि हिन्दी भाषी प्रसंशकों, युवाओं एवं बच्चों, दोनों को निष्चित रूप से पसंद आयेगा। 
नवरात्रि के अवसर पर रानी साहिबा ने राज्य में डांडिया की प्रतियोगिता की घोषणा की है, जो कि हर किसी को त्योहारों के जष्न में डुबो देगा। पूरा महल जष्न के माहौल में सराबोर है। सभी लोगों ने पारम्परिक परिधान पहन रखे हैं और ड्रम एवं ढ़ोलक की खूबसूरत संगीत पर डांस कर रहे हैं। शासक के लिये डांस की विशेष क्लास की व्यवस्था की गई है, हालांकि, स्थितियां नियोजित तरीके से नहीं हैं और इससे महल में काफी शोर-गुल मच गया है। ऐसे में प्रशंषकों के सामने हंसी से लोट-पोट कर देने वाले कई पल आयेंगे, उन्हें इस फेस्टिव स्पेशल का आनंद उठाने का मौका देंगे। 
भारत के पहले ऐतिहासिक काॅमेडी हर मुष्किल का हल-अकबर बीरबल में सर्वश्रष्ठ काॅमेडी और टेलीविजन मनोरंजन का समावेश किया गया है।  इसे दर्षकों द्वारा काफी सराहा जा रहा है और प्रषंसकों से यह ढ़ेरों तारीफ बटोर रहा है। इसमें बचपन की सबसे पसंदीदा लोककथाओं को तरोताजगीपूर्ण काॅमेडी अवतार में प्रस्तुत किया जाता है। कीकू शारदा, डेलनाज इरानी, विषाल कोटियान और किष्वर मर्चेंट जैसे बेहतरीन कलाकार शो में प्रमुख भूमिकायें निभा रहे हैं। 
हंसी के डबल डोज का आनंद उठाने के लिये तैयार हो जायें, गुरूवार और शुक्रवार 25 एवं 26 सितंबर 2014 को रात 9 बजे सिर्फ बिग मैजिक पर.

फिल्म "दशा, द फेट" का फर्स्ट शेड्यूल पूरा

फिल्म "दशा, द फेट" का फर्स्ट शेड्यूल पूरा 
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अजय शास्त्री (संपादक)
बॉलीवुड सिने रिपोर्टर 
Email: editorbcr@gmail.Com
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बीसीआर (नई दिल्ली) फिल्म "दशा, द फेट" का फर्स्ट शेडूल दिल्ली के अलग अलग स्थानों पर पूरा किया गया. इस फिल्म का निर्देशन राकेश कुमार यादव कर रहे है, फिल्म की निर्माता मिस रिम्पी चौहान व अभिमन्यु है. निर्माता ने बातचीत के दौरान बताया कि फिल्म का अगला शेड्यूल उत्तराखंड की वादियों में फिल्माया जायेगा, फिल्म कि शूटिंग आगामी एक अक्टूबर से उत्तराखंड के नैनीताल, भीमताल, हल्द्वानी व रुद्रपुर में की जाएगी. निर्देशक राकेश कुमार यादव के अनुसार ये एक हॉरर फिल्म है, जिसमे दर्शकों को बेहतरीन कहानी के साथ-साथ उम्दा कॉमेडी एवं ज़बरदस्त रोमांचक दृश्य देखने को मिलेंगे, कुल मिलकर यह फिल्म डर, रोमांस, और एक्शन का मिला जुला कॉम्बो है. निर्माता मिस रिम्पी ने बताया कि फिल्म के निर्माण में अत्याधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है, हॉलीवुड स्टाइल में बनने वाली इस फिल्म में आज के परिवेश को ध्यान में रखते हुए तीन गीत भी है, जो फिल्म देखने वालों का भरपूर मनोरंजन करेंगे, अनेक विरोधाभाषों से गुजरती यह फिल्म अंत में समाज को एक मैसेज भी देती है कि मनुष्य कितना भी उपाए कर ले लेकिन कालचक्र कि दशा उसे वही ले आती है जहाँ से वह चला था. इस फिल्म में वो सब कुछ है जो एक फिल्म में होना चाहिए, यह फिल्म दर्शकों को हंसाएगी भी रुलाएगी भी और डराएगी भी और उम्मीद है हिंदी सिनेमा के लिए यह फिल्म मील का पत्थर साबित हो सकती है. फिल्म में सिनेमेटोग्राफर - शिव, कोरियोग्राफर - असलम खान, बीएफएक्स - ज़ाकिर हुसैन, पीआरओ - अजय शास्त्री, प्रोडक्शन मैनेजर - सैफ अली खान, आर्ट डायरेक्टर - किशोरीलाल, स्टील फोटोग्राफर - अजय शर्मा, कॉस्ट्यूम - राजपाल कर रहे है. सहनिर्देशक - रवेश डोगरा, रूप अग्रवाल, सुषमा भारती, संदीप अरोरा, सोहन प्रसाद है .फिल्म मंत बॉलीवुड के स्थापित कलाकारों के साथ प्रतिभावान नवोदित कलाकारों को भी मौका दिया जा रहा है. 

नॉएडा में एक शूटिंग के दौरान बॉलीवुड सिने रिपोर्टर के संपादक अजय शास्त्री व अभिनेता राजपाल यादव की खास मुलाकात

नॉएडा में एक शूटिंग के दौरान बॉलीवुड सिने रिपोर्टर के संपादक अजय शास्त्री व अभिनेता राजपाल यादव की खास मुलाकात



Sunday 21 September 2014

सीरियलों में भी प्रियंका सागर अपने अभिनय का जलवा दिखाऐंगी

सीरियलों में भी प्रियंका सागर अपने अभिनय का जलवा दिखाऐंगी
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अजय शास्त्री (संपादक) 
बॉलीवुड सिने रिपोर्टर 
Email: editorbcr@gmail.com
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बीसीआर (नई दिल्ली-सरफराज़ सिद्दीक़ी) नई उभरती अदाकारा प्रियंका सागर आज कल काफी चर्चा में है। अपने पहले कामेडी ड्रामा,”कल्लू नाई एम.बी.बी.एस“ से सुर्खियों में आई प्रियंका को प्रैस ओर अवाम ने बहुत सराहा है। ड्रामें की सफलता से प्रभावित हो कर ड्रामें के डायरेक्टर मेहदी हसन अमरोहवी अमरोहा के माद्योसिनेप्लैक्स में 28,29,30 सितम्बर को तीन शो कर रहे है।
ड्रामें से चर्चा में आई प्रियंका डायरैक्टर प्रदीप भाटिया के आगामी सीरयलों के लिये कास्ट कर ली गई है। इसके अलावा राइटर दिलशाद अमरोहवी के दो सीरियलों में भी प्रियंका सागर अपने अभिनय का जलवा दिखाऐंगी।
प्रियंका सागर जिस तेजी से तरक्की की सीढि़यां चढ़ रही है उस से लगता है कि कल वो एक बड़ी अदाकारा बनकर उभरेंगी।

आर्यन सक्सेना की कलम से निकली "देसी कट्टे"



आर्यन सक्सेना की कलम से निकली "देसी कट्टे"  
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आफ़ाक़ खान ‘समीर‘ 
(ब्यूरो चीफ-दिल्ली/एनसीआर)
बॉलीवुड सिने रिपोर्टर 
Email.: editorbcr@gmail.com
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दोस्त के लेखकीय प्रोत्साहन से प्लेबैक सिंगर की बजाय लेखक बन गया: आर्यन सक्सेना 
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बीसीआर (नई दिल्ली/एनसीआर) फिल्म 'देसी कटटे' के लेखक आर्यन सक्सेना से "बालीबुड सिने रिपोर्टर" के विशेष संवाददाता आफ़ाक़ खान ‘समीर‘ का एक्सक्लुसिव साक्षात्कार. एक हिन्दी फिल्म का बहुत ही लोकप्रिय गाना है ‘निकले थे कहां जाने के लिए, पहुंचेगे कहां मालूम नही‘। वाकई जिंदगी में  बहुत कुछ ऐसा होता है कि हम करना तो कुछ चाहते हैं लेकिन होता कुछ और ही है। बनना हम कुछ चाहते हैं लेकिन हमारी किस्मत में बनना कुछ और ही लिखा होता है। ख़ासकर ऐसा उन लोगों के साथ ज्यादा हुआ है जो फिल्म लाइन में अपना करियर बनाने के लिए दूसरे राज्यों से मायानगरी मुंबई पहुंचे और अपनी चाहत के विपरीत उनके करियर को पहचान मिली। मसलन मुकेश गये थे हीरी बनने बन गये गायक, किशोर दा बनना चाहते थे एक्टर लेकिन पहचान मिली एक पाश्र्व गायक के रूप में।
ऐसा ही कुछ इत्तेफ़ाक 26 सितम्बर को रिलीज होने वाली फिल्म ’देसी कटटे’ के लेखक आर्यन सक्सेना के साथ हुआ। करीब डेढ दशक पूर्व अपनी शिक्षा पूरी करने के बाद आर्यन सक्सेना उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर जनपद से दिल में एक पार्श्व  गायक बनने की हसरत लिये मायानगरी मुंबई पहुंचे थे। जीवन में लक्ष्य पाने के लिए अपनी धुन के पक्के आर्यन सक्सेना जी वर्षो फिल्म इंडस्ट्री में संघर्ष करते रहे और गायकी में अपनी पहचान बनाने के लिए अपनी किस्मत आजमाते रहे। अपनी मेहनत, लगन और प्रतिभा के बल पर खुद को समय-समय पर साबित भी किया लेकिन कोई गाॅडफादर न मिलने से वह मुकाम हासिल नहीं कर सके जिसके वे हक़दार थे। उन्हें दरकार थी तो उस घडी कि जिसमें वे अपना सर्वश्रेष्ठ प्रस्तुत करके खुद को साबित कर सके।
फिल्म "देसी कटटे" के लेखक आर्यन सक्सेना से "बालीबुड सिने रिपोर्टर" के विशेष संवाददाता "आफ़ाक़ खान ‘समीर‘" का एक्सक्लुसिव साक्षात्कार में अपने करियर से जुडे अनेक अनछुए पहलुओं पर बेबाकी से चर्चा की। प्रस्तुत है उनसे हुई बातचीत के मुख्य अंश:-
बीसीआर- आप गायक बनने की बजाय लेखन के क्षेत्र में कैसे आ गये ?
आर्यन - दरअसल संघर्ष के समय अधिकांश साथी लेखन से जुडे थे। एक दिन उनमें से एक दोस्त ने कहा कि यार क्या गायकी के ही पीछे पडे हो, तुममे एक लेखक छुपा हुआ है। अपनी इस लेखकीय प्रतिभा का इस्तेमाल क्यों नही करते ? फुरसत के समय कुछ कहानी, वार्तालाप आदि लिखा करो, देखना जल्द ही एक दिन सारी इंडस्ट्री में बतौर लेखक आपके नाम का डंका बजना तय है। भले ही दोस्त ने ये बातें उसने प्रोत्साहित करने के लिए कहीं थी लेकिन ये बातें मेरे दिल में उतर गयीं। मैंने लेखन के बारे में गंभीरता से सोचा और परिणाम आपके सामने है। मेरी लिखी हुई फिल्म ’देसी कटटे’ इसी माह 26 तारीख को रिलीज होने वाली है। 
बीसीआर- आपको अपनी इस फिल्म से क्या उम्मीद है ?
आर्यन - मुझे पूरी उम्मीद है कि यह फिल्म दर्शको को बहुत पसंद आएगी। यह फिल्म समाज को एक सकारात्मक संदेश देगी।
बीसीआर- फिल्म में कौन-कौन हीरो-हीरोइन है ?
आर्यन - इस फिल्म में अखिल कपूर व जय भानुशाली मुख्य भूमिका में हैं जबकि सुनील शेटटी की भी महत्वपूर्ण रोल है। अखिल कपूर नया हीरो है। उनकी ये पहली फिल्म है। अखिल फिल्म इंडस्ट्री में पले पढे है। वे सुविख्यात एक्टर विनोद खन्ना के भांजे हैं। इस फिल्म में एक नई हीरोइन को भी मौका मिला है। शाशा आगा खान व टीया वाजपेयी दो प्रमुख नायिकाएं हैं। इनमें शाशा पाश्र्व गायिका सलमा आगाा की बेटी है। टीया पहले भी कई और फिल्मों में काम कर चुकी है। उसकी हाल ही में 'हांटेंड' और 'आइडेंटिटी कार्ड' फिल्म आयी थी।
बीसीआर- फिल्म की कहानी के बारे में कुछ बताइये ?
आर्यन - फिल्म की कहानी दो अनाथ लडको की है। जो बचपन में ही अपराध की दुनिया में सक्रिय हो जाते है और अवैध हथियार के कारोबार से जुड जाते हैं। ये दोनो शार्प शूटर होते हैं। सुनील शेटटी एक शूटिंग रेंज के कोच की भूमिका में हैं। वे दोनो को निशानेबाजी की ट्रेनिंग देते है। इनमें से एक लडका अच्छी संगत के कारण एक इंसान बन जाता है जबकि दूसरे का रिश्ता जरायम की दुनिया से होने के बावजूद दोनो की दोस्ती बरकरार रहती है। जैसा कि सदियों से चला आ रहा है कि बुराई का अंजाम बुरा ही होता है। सही संदेश इस फिल्म में देने की कोशिश की गयी है। मुुझे पूरा विश्वास है कि फिल्म दर्शको पर अपनी छाप छाप छोडने में कामयाब होगी। 
और एक खास बात हम आपको बताते हैं कि सुनील शेट्टी (अन्ना) और आर्यन सक्सेना एक दूसरे से बहुत- बहुत प्यार करते हैं.
नोट: बॉलीवुड सिने रिपोर्टर (बीसीआर न्यूज़) की समस्त टीम की और से फिल्म "देसी कट्टे" की सफलता की हार्दिक शुभकामनाये 


सिंगर सागरिका देब 'राजीव गांधी एक्सीलेंस अवार्ड' से सम्मानित

सिंगर सागरिका देब 'राजीव गांधी एक्सीलेंस अवार्ड' से सम्मानित 
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अजय शास्त्री (संपादक) 
बॉलीवुड सिने रिपोर्टर 
Email: editorbcr@gmail.com
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बीसीआर (नई दिल्ली) समाज के विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट योगदान के लिए, 21 लोगों को इस वर्ष 'राजीव गांधी एक्सीलेंस पुरस्कार' से सम्मानित किया गया है|. इसमे नई दिल्ली की मसहूर पॉप गायिका सागरिका देब शामिल है|
कार्यक्रम 9 सितंबर को नई दिल्ली में 'कंस्टीटूशन क्लब' में आयोजित किया गया था और सागरिका पॉप संगीत, महिला सशक्तिकरण और पशुओं के अधिकारों (एनिमल राइट्स) के अपने उत्कृष्ट योगदान के लिए सम्मानित की गई| 
इस अवसर पर सागरिका का कहना है, "अपने अब तक के काम के लिए ये सम्मान प्राप्त करना मेरे लिए बोहुत ही गर्व की बात है| इतने सारे सम्मानित हस्तियों के साथ मंच साझा करना मेरे लिए गौरव की बात है| ये जानना की मेरे काम ने कई लोगो को प्रेरणा दी है, खासतौर से लड़कियों को आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया है बोहोत की अभिभूत धरना है| में आगे भी इतनी ही लगन से काम करती रहूंगी और उम्मीद करुँगी की आगे भी लोग मेरे काम से प्रेरणा लेंगे| राजीव गांधी एक्सीलेंस अवार्ड से सम्मानित किया जाना मेरे लिए एक सपने की तरह है, और मैं अपने परिवार, टीम मेंबर्स, ऑर्गनाइज़र्स और सिलेक्शन कमिटी को बोहोत बोहोत धन्यवाद अदा करती हुँ|
पुरस्कार विजेताओ को समाज के कुछ प्रतिष्ठित हस्तियों ने सम्मानित किया जिनमें शामिल थे, जेताओं जेपी अग्रवाल (कांग्रेस समिति के पूर्व अध्यक्ष डी पी सी सी), श्रीमती शोभा ओझा ('अखिल भारतीय महिला कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष), श्रीमती ममता शर्मा (राष्ट्रीय महिला आयोग की पूर्व अद्द्यक्ष), श्री के.एच. मुनियप्पा (सांसद / पूर्व केंद्रीय मंत्री भारत सरकार), श्रीमती अर्पित बंसल (मैनेजिंग डायरेक्टर क्रिएटिव नेस्ट) और रामप्रकाश वर्मा (मुख्य संपादक, टाइम्स ऑफ इंडिया समाचार एवं सीमापुरी टाइम्स| 
इस वर्ष पुरस्कार प्राप्त करने वाले अन्य प्रमुख लोगो में शामिल है क्रिकटर चेतन शर्मा, राष्ट्रीय हॉकी कोच एसएएस नकवी, आईएएस अधिकारी संजय अलंग, पुलिस अधिकारी अरविंद कुमार शर्मा, मीडिया पत्रकार अमिताभ श्रीवास्तव, फिल्म निर्माता राकेश बब्बल, और एक्सक्ट्रा|

Saturday 20 September 2014

मेरा कट फाइनल कट - नाना पाटेकर

 मेरा कट फाइनल कट - नाना पाटेकर
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अजय शास्त्री (बॉलीवुड सिने रिपोर्टर) 
Email:editorbcr@gmail.com ===================
बीसीआर (नई दिल्ली) थेरकथी कलाइकोडम द्वारा प्रस्तुत हिंदी फिल्म फाइनल कट के निर्माता है पाॅल सी.पण्डियन व डाॅ.राजन. इस सस्पेन्स थ्रिलर फिल्म के फ़िल्मी निर्देशक हरफनमौला नाना पाटेकर है. और फाइनल कट करने के लिए तू-तू मै-मै भी कर लेते है निर्माता और फिल्म के एडिटर सभी परेशान हो गए है और सभी लोग नाना को ही फाइनल कट करने का मन बना लिया है. फाइनल कट एक फिल्म की शूटिंग के दौरान रहस्यमय तरीके से हुई हत्या की कहानी है और हत्या के रहस्यों में उलझी गुत्थी को सुलझाने का प्रयास करते नजर आएंगे राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त निर्देशक भारथीराजा. इनके निर्देशन में कई फिल्में आ चुकी हैं जिनमें, प्रमुख हंह व्याथिनी (तमिल), येरा गुलाबी (तेलगू) एवं सोलहवाँ सावन (हिन्दी). गीतकार समीर व संगीत हिमेश रेशमिया का है . नाना पाटेकर, अर्जुन, वतुल सेठ, मंसूर खान, नियामत खान, काजोल एवं रुक्मिणी आदि द्वारा अभिनीत यह खूबसूरत फिल्म है. कला साबू सायरिल की है और छायाकार हैं कन्नन. निर्माता पाॅल सी.पण्डियन की अमेरिका में साफ्टवेयर कम्पनी है और डाॅ. राजन वहाँ के मशहूर हृदय रोग सर्जन हैं। दोनों का सपना, भारतीय फिल्म उद्योग से जुड़ कार्पोरेट स्तर पर काम करने का है.

हैप्पी न्यू ईयर के संगीत लॉन्च

 हैप्पी न्यू ईयर के संगीत लॉन्च
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अजय शास्त्री (बॉलीवुड सिने रिपोर्टर) 
Emai: editorbcr@gmail.com
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बीसीआर (नई दिल्ली) ​हैप्पी न्यू ईयर के संगीत की पेशकश रेड चिलीज एन्टरटेनमेंट्स प्राइवेट लिमिटेड ने सोमवार, 15 सितंबर 2014 को अपनी फिल्म हैप्पी न्यू ईयर के संगीत का अनावरण किया। इस अवसर पर फिल्म की निर्देशिका फराह खान और कलाकार दीपिका पादुकोण, शाहरूख खान, अभिषेक बच्चन, सोनू सूद, बोमन ईरानी, विवान शाह, संगीत निर्देशक विशाल-शेखर, गीतकार इरशाद कामिल, गायक/गायिका नीति मोहन, कनिका कपूर, सुखविंदर सिंह, डाॅ. जेयूस तथा निर्माता मौजूद थे। 
टेलीविजन जगत की चर्चित हस्तियों ऋत्विक धनराज और कुंवर अमर ने गायिका नीति मोहन के पहले ऐक्ट की पेशकश की। नीति ने मैडले मनवा लागे गीत गाया, जिसके बाद शिलाॅंग क्वाइर द्वारा परफाॅर्मेंस दिया गया। इसके बाद गायक सुखविंदर सिंह ने फिल्म का गीत सटकली गाया। गायिका कनिका कपूर और डाॅ. जेयूस ने अलबम के सबसे कामुक गाने लवली पर परफाॅर्म किया। लंदन के जादूगर कीलन लेजर ने आइपैड पर अपनी जादुई करतबों से समारोह को और अधिक मजेदार बना दिया, लेकिन इस आयोजन का सबसे प्रमुख आकर्षण रहा- फिल्म के कलाकारों का इंडिया वाले गाने पर परफाॅर्मेंस, जिसे काफी पसंद किया जा रहा है। 
हैप्पी न्र्यू इ यर की निर्दे शिका फराह खान ने बताया, ‘‘मेरी सभी फिल्मों में संगीत की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। मैं गानों को ध्यान में रखकर हमेशा फिल्म के दृश्यों के बारे में सोचती हूं। संगीत हमेशा ही कहानी को आगे बढ़ाता है और हैप्पी न्यू ईयर में भी ऐसा ही है, क्योंकि फिल्म में काफी कहानी गानों के माध्यम से बताई गई है। मैं इरशाद भाई कामिल, विशाल-शेखर और सभी गायक/गायिकाओं का शुक्रिया अदा करना चाहती हूं। इन सभी ने शानदार काम किया है। शाहरूख संगीत बनाने में बड़ी प्रेरणा रहे हैं, क्योंकि उनके कई गानें वर्षों से हिट रहे हैं। उन पर फिल्माये जाने वाले गानों के लिये मैं हमेशा ही एक कदम आगे बढ़ जाती हूं।‘‘
गीतकार इरशाद कामिल ने कहा, ‘‘हैप्पी न्यू ईयर पर काम करना एक जश्न का सफर रहा है। मै पार्टी में प्रत्येक संगीत को परिवर्तित करने के लिये फराह खान को धन्यवाद देना चाहता हूं। यह अनुभव निश्चित रूप से जीवन भर काम आयेगा। फिल्म का संगीत जल्द ही लाॅन्च किया जाने वाला है, लेकिन मैं अभी तक इससे बाहर नहीं निकल पाया हूं।‘‘ संगीत निर्देशक विशाल-शेखर ने कहा, ‘‘हैप्पी न्यू ईयर फराह के साथ हमारी तीसरी फिल्म है। फराह हमेशा से हमारे लिये परिवार की तरह रही हैं। फिल्म के संगीत की हर धुन फराह खान की ऊर्जा..., जीवंतता और रंगीनियत का ट्रेडमार्क है। फराह के साथ काम करना हमेशा ही आनंददायक होता है और उनका हमारे ऊपर जो भरोसा है, वह हमें हर बार उनकी अपेक्षाओं को पूरा करने के लिये कड़ी मेहनत करने को प्रेरित करता है। इस तरह की एक प्रसिद्ध रचना के लिये संगीत तैयार करना सम्मान की बात है और इस सफर को भुलाया नहीं जा सकता है। शाहरूख खान के साथ हैप्पी न्यू ईयर हमारी चैथी फिल्म है और हम आज भी कह सकते हैं कि उनकी तरह कोई भी काम नहीं कर सकता है। वह सर्वश्रेष्ठ निर्माता से लेकर सबसे अधिक बहुमुखी परफाॅर्मर भी हैं। और उन्होंने एक बार फिर हमारे संगीत को प्रतिभाशाली कलाकारों के साथ अपने जादू से जीवन दिया है। फिल्म के जिंदगी से बड़े स्तर को बनाये रखने में हैप्पी न्यू ईयर काफी व्यापक है, जिसमें समान रूप से अद्भुत टीम वर्क देखा गया है और इसे वाकई में दिल से बनाया गया है।‘‘ 
रेड चिलीज एन्टरटेनमेंट्स के सीईओ वेंकी मैसूर ने कहा, ‘‘संगीत हमेशा ही भारतीय फिल्म का एक अभिन्न हिस्सा रहा है। हैप्पी न्यू ईयर का संगीत एक अलबम है, जो सभी लोगों को पसंद आयेगा। 
हमें उम्मीद है कि यह सभी लोगों को पसंद आयेगा, क्योंकि संगीत खुशनुमा है और इसे दिल से भूषण कुमार, सीएमडी, टी-सिरीज ने बताया, ‘‘हैप्पी न्यू ईयर ने शाहरूख और मेरे रिश्ते को मजबूत बनाया है। पहला गाना इंडिया वाले नया गान है, जिसे सभी मंचों पर शानदार प्रतिसाद प्राप्त हुआ है और मनवा लागे एक नया प्रेमगीत है, जो काफी हिट हो रहा है। समूचा संगीत अलबम बेहद 
तरोताजगीपूर्ण है और गुनगुनाने योग्य है, जिससे दर्शकों को फिल्म के हर गाने से प्यार हो जायेगा।‘‘ हैप्पी न्यू ईयर एक मजेदार, तेजतर्रार, रंगीन, मजाकिया, ऐक्शन से भरपूर संगीतमय उपहार है। फिल्म का निर्माण रेड चिलीज एन्टरटेनमेंट्स प्राइवेट लिमिटेड द्वारा किया गया है और यश राज फिल्म्स द्वारा इसे दुनिया भर में वितरित किया गया है। हैप्पी न्यू ईयर फिल्म को इस वर्ष दीवाली पर हिन्दी, तमिल और तेलुगू भाषाओं में रिलीज किया जायेगा।

मशहूर कार्टून कैरेक्टर छोटा भीम ने दिल्ली के भारतीय विधा भवन स्कूल में आकर बच्चों के साथ की ढ़ेर सारी मस्ती

मशहूर कार्टून कैरेक्टर छोटा भीम ने दिल्ली के भारतीय विधा भवन स्कूल में आकर बच्चों के साथ की ढ़ेर सारी मस्ती
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अजय शास्त्री (बॉलीवुड सिने रिपोर्टर) 
Email:editorbcr@gmail.com
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बीसीआर (नई दिल्ली) ​चैनल पोगो पर आने वाला बच्चों का मशहूर कार्टून कैरेक्टर छोटा भीम ने नई दिल्ली के भारतीय विधा भवन में वहाॅ के बच्चों से मुलाकात की। अपने फेवरेट कार्टून कैरेक्टर को देखकर बच्चे खुशी से झूम उठे और जोर-जोर से छोटा भीम-छोटा भीम चिल्लाने लगें। वहीं इस मौके पर छोटा भीम ने भी बच्चों के साथ जमकर मस्ती की और अलग-अलग अंदाज में फोटो भी खिचवाए। छोटा भीम ने इन छुट्टीयों में फन टूर किया और देश के अलग-अलग शहरों में भारत की सभ्यता और संस्कृति को जानने की कोशीश की। सबसे पहले छोटा भीम करगम तमिलनाडू गयें जहाॅ उन्होने फोक डांस सिखा। फिर पंजाब जाकर बैसाखी देखी। और छोटा भीम और माईटी राजू दोनों आगें भी कई और जगह भी गयें।
गौरतलब है कि पोगो चैनल की तरफ से चलाये गये इस अभियान के अंर्तगत छोटा भीम अपने इस फन टूर में देश के अलग-अलग 9 शहरों के 550 स्कूलों में लगभग 5 लाख से ज्यादा बच्चों से मुलाकात करेंगें। इन 9 शहरों में मुम्बई, दिल्ली, बैंगलोर, चेन्नई, लखनउ, अमृतसर, पंजाब, कोलकाता, पुणे और अहमदाबाद के नाम शामिल हैं। ये अभियान अगस्त से शुरू होकर मध्य सितम्बर तक चलेगी।
इस अभियान के बारें में विशेष जानकारी देते हुए कृष्णा देसाई (एक्जूकेटीव डायरेक्टर हेड किड्स साउथ एशिया, टर्नर इंटरनेशनल इंडिया प्राईवेट लिमिटेड) ने कहा कि ‘‘टर्नर ने इस अभियान को इसलिए भी चलाया है कि ताकि इसके जरिये बच्चे और टीचर में इंडिया को और करीब से जानने में उत्साह मिल सके। छोटा भीम और माईटी राजू के इस फन टूर के जरिये बच्चे और भी करीब से भारत की सभ्यता और संस्कृति के बारें में करीब से जान सकें। मुझे खुशी है कि मेरे इस अभियान के जरिये बच्चों को काफी कुछ सीखने को मिलेगा‘‘।

हृतिक रोशन के इनबॉक्स में फीमेल फैंस के लव लेटर्स की बाढ़

हृतिक रोशन के  इनबॉक्स में फीमेल फैंस के लव लेटर्स की बाढ़

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अजय शास्त्री (बॉलीवुड सिने रिपोर्टर) 
Email: editorbcr@gmail.com
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बीसीआर (नई दिल्ली) ​हृतिक रोशन देश में एक हॉटेस्ट मेन है और साथ ही परफॉरमेंस के मामले वे एक पावरहाउस है,हृतिक  अपनी पहली फिल्म से ही फीमेल फैंस का ध्यान अपनी और आकर्षित करने में कामयाब रहे है,और उसके तुरंत बाद उन्होंने कुछ  ब्लॉकबस्टर फिल्मे की और उसके साथ ही इस सुपरस्टार की फैन फोल्लोविंग दिन ब दिन बढ़ते रही। 
हृतिक के फिल्मो ने एक नया मक़ाम बनाया है , और इसके चलते उनकी फीमेल फैंस और भी बढ़ गयी है , हृतिक के ईमेल बॉक्स फीमेल फैंस के लव मेल से भरे है कई फीमेल फैंस ने तो प्रोपोज़ भी करदिया है , और यह सिलसिला कायम शुरू ही है। ​
​इस सब से हृतिक बहुत ही अभिभूत भी  है ​और शर्मिंदा भी है।हृतिक को अब समझ नहीं आ रहा की किसकिस मेल के जवाब दे कई मेल उनके काम की तारीफ करने वाले है तो कई प्यार का इजहार करने वाले। हृतिक को हर रोज कई सौ फीमेल्स फैंस के लव लेटर्स मिल रहे है। 

फिल्म तमंचे के सेट पर रिचा चड्डा हुई असहज

फिल्म तमंचे के सेट पर रिचा चड्डा हुई असहज
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अफाक खान समीर (बॉलीवुड सिने रिपोर्टर) 
Eamail: editorbcr@gmail.com
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बीसीआर (नई दिल्ली) ​अभिनेता निखिल द्विवेदी के साथ अपनी आगामी फिल्म तमंचे को लेकर तैयार है रिचा चड्डा , जब इस फिल्म की शूटिंग उत्तर भारत के कुछ हिस्सों में चल रही थी , तब यह खूबसूरत अदाकारा कुछ कारणवस्त असहज हुई इस का कारन था स्टिल फोटोग्राफर। 
रिचा को यह महसूस हुआ की ​स्टील फोटोग्राफर्स उनकी फोटोज कुछ गलत एंगल से खीच रहे थे और इस लिए वह असहज हो रही थी, रिचा के रिक्वेस्ट के बाद फोटोग्राफर्स को वहा से जाने की लिए कहा गया। 
यह सब होने के बाद रिचा अपना प्रोफेशनलिज़म दिखाते हुए वह शूट करती रही ,और फिल्म में जैसा रिचा का  बाबू नामक  किरदार जैसे ही रिचा ने अपना टफ साइड दिखाते हुए इसे घटनो के खिलाफ अपनी आवाज उठाई।
फैशन टीवी फिल्म्स प्रस्तुत और सूर्यवीर सिंह भुल्लर निर्मित तथा निखिल द्विवेदी और रिचा चड्डा अभिनीत फिल्म "तमंचे" १० अक्टूबर २०१४ को सभी सिनेमाघरो में प्रदर्शित होगी।  

बाॅलीवूड की बिंदास गर्ल सोफिया हयात ने लगाया डायरेक्टर अनिल गोयल पर अभद्र व्यवहार करने का आरोप

बाॅलीवूड की बिंदास गर्ल सोफिया हयात ने लगाया डायरेक्टर अनिल गोयल पर अभद्र व्यवहार करने का आरोप।
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रचना शर्मा (बॉलीवुड सिने रिपोर्टर) 
Email: editorbcr@gmail.com
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बीसीआर (नई दिल्ली) अपने बिंदास हरकतों से हमेशा सुर्खीयों में रहने वाली अभिनेत्री और माॅडल सोफिया हयात एक नई खबर को लेकर एक बार फिर से चर्चा मे आ गई हैं। गौरतलब है कि बीग बाॅस-7 की प्रतियोगी रह चुकी सोफिया हयात ने डायरेक्टर अनिल गोयल (जिन्होने इससे पहले क्रैकर्स और आईसी स्पाईसी जैसी फिल्में डायरेक्ट की है) पर ये इल्जाम लगाया है कि उन्होने सोफिया के साथ अभद्र व्यवहार किया है।
सोफिया हयात जिन्होने इससे पहले भी बीग बाॅस-7 में अपने प्रतियोगी अरमान कोहली पर भी आरोप लगााया था कि उन्होने उनके साथ मिस बिहेव किया था। और उन्होने इसेक खिलाफ मुम्बई पुलीस को एक एफआईआर भी किया था। अब उन्होने डायरेक्टर अनिल गोयल पर भी उनके साथ मिस बिहेव करने का आरोप लगाया है। सूत्रों की माने तो ये पूरा वाकया आज 3 साल पहले का है जब डायरेक्टर अनिल गोयल ने उन्हें अपनी एक फिल्म ‘‘भाई का माल है‘‘ कि लिए साईन किया था। सोफिया के मुताबिक अनिल गोयल ने काफी कम साईनिंग अमाउंट पर उनको साईन किया था। सोफिया ने भी फिल्म के लिए हामी भर दी थी क्योंकि वो इंडस्ट्री में नई आई थी और उन्हें बाॅलीवूड में अपने कदम जमाने के लिए एक मौके की तलाश थी। तीन साल पहले सोफीया अनील के साथ अपनी फिल्म ‘‘भाई का माल है‘‘ की महुरत के लिए दिल्ली भी आई थी और उन्होने बाबा रामदेव के डुप्लीकेट के साथ कुछ सीन भी शुट किये थें। पर उसके काफी दिन गुजर जाने के बाद कोई बात नहीं बनी। तीन साल बाद एक बार फिर अनिल गोयल ने सोफिया हयात को बीग बास-7 में देखकर एक बार फिर अपनी फिल्म के लिए अप्रोच किया। पर इस बार सोफिया ने फिल्म करने से साफ इनकार कर दिया क्योंकि एक तो काॅन्ट्रैक्ट भी खत्म हो गया था दूसरा अनील गोयल साईनिंग अमांउट ज्यादा नहीं दे रहें थें।
सोफिया के इनकार करने से तिलमिलाए अनील गोयल ने सोफिया को अभद्र मैसेज कर दिया। जिसमें लिखा था कि ‘‘तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई मेरी फिल्म में काम करने से मना करने की, तुम तो प्रोस्टीच्युट हो और पैसों के लिए तुम अपना जिस्म दिखाती रहती हो।‘‘ इस मैसेज को देखकर सोफिया आग-बबूला हो गई और उसके बाद सोफिया अनिल के साथ सारे काॅन्टैक्ट तोड़ दिये। पर इतना सब हो जाने के बाद भी अनील गोयल ने एक बार फिर से सोफिया को अपनी फिल्म काम करने का आॅफर दिया। पर इस बार सोफिया ने अपने गुस्से को ठंडा करते हुए कहा कि अगर तुम मुझे बीजनेस क्लास की टीकट दोगे तो हीं मैं फिल्म में काम करूंगी वरना नहीं। इस पर अनील गोयल ने कहा ‘‘ मैं बीजनेस क्लास की टीकट तो नहीं दूंगा हाॅ पर इतना जरूर है कि मैं अपनी अगली फिल्म में तुम्हें साईन करने का वादा करता हूॅ। इस पर सोफिया ने फिल्म में काम करने से साफ इनकार कर दिया और कहा ‘‘जिस आदमी ने मेरे साथ इतना बुरा व्यवहार किया उसके साथ मैं दूबारा काम नहीं करूगीं। मेरा जमीर मुझे इसकी इजाजत नहीं देता‘‘।

Friday 19 September 2014

जल्द आप सब टी वी पर देखेंगे "फैमिली अंताक्षरी # बैठे बैठे क्या करें" धारावाहिक

जल्द आप सब टी वी पर देखेंगे "फैमिली अंताक्षरी # बैठे बैठे क्या करें" धारावाहिक 
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अजय शास्त्री / अफाक खान समीर
 (बॉलीवुड सिने रिपोर्टर)
Email: editorbcr@gmail.com
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बीसीआर (नई दिल्ली) साईं बाबा प्रोडक्शन द्वारा निर्मित धारावाहिक "फैमिली अंताक्षरी # बैठे बैठे क्या करें" की पूरी स्टारकास्ट आज प्रमोशन के लिए पहुंची. इस धारावाहिक को सब टी वी पर २७ सितम्बर को प्रसारित किया जा रहा है, अंताक्षरी के साथ साथ यह एक गेम शो भी है, इसमें कई ऐसे राउंड है जिनको भारतीय टेलीविज़न पर कभी नहीं देखा गया. इस धारावाहिक में एंकर की भूमिका निभा रहे है प्रतिभाशाली कलाकार अन्नू कपूर, मंत्रा, बहुमुखी प्रतिभा की धनी सुगंधा मिश्रा.

फिल्म समीक्षा: खूबसूरत

फिल्म समीक्षा: खूबसूरत 

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समीक्षक: अजय शास्त्री 
(संपादक: बॉलीवुड सिने रिपोर्टर)
Email: editorbcr@gmail.com
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प्रमुख कलाकार: सोनम कपूर, फवाद खान, किरण खेर और रत्ना पाठक।
निर्देशक: शशांक घोष
संगीतकार: स्नेहा खनवलकर
रेटिंग: चार स्टार 
अवधि: 130 मिनट

बीसीआर (नई दिल्ली) हृषिकेष मुखर्जी की 'खूबसूरत' के मुकाबले, शशांक घोष की 'खूबसूरत' एक दम अलग है क्योंकि फिल्म की कहानी अलग है इस फिल्म कहानी में एक अनुशासित और कठोर माहौल दिखाया गया है जो आज के माहौल के बच्चे पसंद नहीं करते. परिवार के मुखिया  की बीमारी के चलते परिवार में चुलबुली लेडी डॉक्टर आती है और परिवार का माहौल बदल देती है। निर्देशक शशांक घोष की 'खूबसूरत' सामंती व्यवहार और आधुनिक सोच-समझ के द्वंद्व को रोचक तरीके से पर्दे पर ले आती है।
एक हादसे से राजसी परिवार में पसरी उदासी इतनी भारी है कि सभी मुस्कराना भूल गए हैं। वे जी तो रहे हैं, लेकिन सब कुछ नियमों और औपचारिकता में बंधा है। परिवार के मुखिया घुटनों की बीमारी से खड़े होने और चलने में समर्थ नहीं हैं। उनकी देखभाल और उपचार के लिए फिजियोथिरैपिस्ट मिली चक्रवर्ती का आना होता है। दिल्ली के मध्यवर्गीय परिवार में पंजाबी मां और बंगाली पिता की बेटी मिली चक्रवर्ती उन्मुक्त स्वभाव की लड़की है। वह अपनी मां को उनके नाम से बुलाती है। राजप्रासाद के शिष्टाचार से अपरिचित मिली के मध्यवर्गीय आचार-व्यवहार से रानी साहिबा को खीझ होती रहती है। उसके आगमन और संवाद से परिवार में आरोपित अनुशासन में खलल पड़ती है। हालांकि इस कोशिश में कई दृश्यों में मिली को उजड्ड और गंवार की तरह हम देखते हैं। वह अपनी मुखरता और खुलेपन से रानी साहिबा के अलावा परिवार के सभी सदस्यों की प्रिय बन जाती है। हिंदी फिल्मों की एक मजबूरी प्रेम है। इस फिल्म में विक्रम सिंह राठौड़ और मिली के बीच प्रेम दिखाने के दृश्य जबरन नहीं डाले गए होते तो फिल्म सरल और स्वाभाविक रहती। कुछ अन्य दृश्यों में भी घिसे-पिटे प्रसंग रखे गए हैं। इस कमी के बावजूद फिल्म मनोरंजक और ताजगी से भरपूर है। इसकी प्रस्तुति में रंग, एनर्जी और नई सोच भी रखी गई है।
उदाहरण के लिए पंजाबी मां और बंगाली पिता की बेटी मिली के किरदार पर गौर करें। वह महानगरों में पली आज की लड़की है, जो देश की सांस्कृतिक विविधता की पैदाइश है। ऐसे परिवार हिंदी फिल्मों में दिखने लगे हैं। वहीं राजप्रासाद की जड़ता भी उजागर होती है। नियम और औपचारिकताओं में इच्छाएं दबायी जा रही हैं। महानगर से आई लड़की सपनों और सोच पर लगी गांठ खोल देती है। फिल्म में वह कहीं भी रानी साहिबा से टकराने या उन्हें सबक सिखाने की कोशिश नहीं करती। सब कुछ अपनी गति से बदलता जाता है और आखिरकार रानी साहिबा को महसूस होता है कि उन्होंने अपने सीने और कंधे पर जो बोझ उठा रखा था, वह फिजूल था। परिवार के सभी सदस्यों के साथ उसका व्यवहार अलग-अलग है। पता चलता है कि सभी अपनी जिंदगी में कुछ और चाहते हैं। यह फिल्म हिंदी फिल्मों में आ रही विविधता का भी सुंदर उदाहरण है।
मिली चक्रवर्ती की उन्मुक्तता को पर्दे पर जीवंत करने में सोनम कपूर की स्वाभाविकता दिखती है। ऐसा लगता है कि उन्हें खास मेहनत नहीं करनी पड़ी हैं, जबकि मिली के मिजाज को अंत तक निभा ले जाने में श्रम लगा होगा। सोनम कपूर ने मिली के स्वभाव को अपने हाव-भाव और अभिनय से रोचक बना दिया है। रानी साहिबा की भूमिका में रत्ना पाठक शाह की पकड़ और अकड़ किरदार के अनुकूल है। विक्रम सिंह राठौड़ की भूमिका में पाकिस्तानी अभिनेता फवाद खान अपनी प्रतिभा से मुग्ध करते हैं। उन्होंने अभिनय में संयम और शिष्टता का परिचय दिया है। राजा साहब की भूमिका में अमीर राजा हुसैन जंचे हैं। रामसेवक के छोटे किरदार में अशोक बांठिया भी नोटिस होते हैं।
हां, फिल्म में हिंदी शब्दों के प्रति बरती गई लापरवाही अखरती है। सूर्यगढ़ को सूर्यगड़ और संभलगढ़ को समभलगढ़ लिखना और मुख्य अभिनेता फवाद खान के हाथों में कडा पहना हुआ है और दिसंबर को डिसेंबर बोलना सही नहीं लगता।

Friday 5 September 2014

फिल्‍म रिव्‍यू: मैरी कॉम (४.5 स्‍टार) समीक्षक : अजय शास्त्री

फिल्‍म रिव्‍यू: मैरी कॉम (४.5 स्‍टार)
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समीक्षक : अजय शास्त्री 
(संपादक) बॉलीवुड सिने रिपोेर्टर
Email: editorbcr@gmail.com
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प्रमुख कलाकार: प्रियंका चोपड़ा, दर्शन कुमार और सुनील थापा।
निर्देशक: ओमंग कुमार
संगीतकार: शशि-शिवम
स्टार: साढ़े चार 
समय : १२४ मिनट  
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बीसीआर (नई दिल्ली)  दोस्तों मैरी कॉम के जीवन आधारित और जीत को समेटती ओमंग कुमार की फिल्म 'मैरी कॉम' मणिपुर की एक साधारण लड़की की अभिलाषा और संघर्ष की कहानी है। देश के सुदूर इलाकों में अभाव की जिंदगी जी रहे युवक युवतियों के जीवन पर आधारित हैं। वहां माता पिता अपने बच्चों को सपनों की जिंदगी जीने से मना करते हैं वे सिर्फ चाहते हैं कि उनके बच्चे सपनों को भूल कर रोजमर्रा जिंदगी को कुबूल कर लें। देश में रोजाना ऐसे लाखों सपने प्रोत्साहन और समर्थन के अभाव में चकनाचूर होते हैं। मगर इनमे एक है,  एम सी मैरी कॉम जो एक ज़िद्दी लड़की है वह जो चाहती है करके रहती है  इसी बीच मैरी कि मुलाकात बॉक्सिंग कोच से हो जाती हैं, जो मैंगते चंग्नेइजैंग मैरी कॉम की जिद को समझ जाते है और उसको बॉक्सिंग सीखना शुरू करते है  और उसे प्रोत्साहित करते हैं। अप्पा के विरोध के बावजूद मां के सपोर्ट से मैरी कॉम बॉक्सिंग की प्रैक्टिस आरंभ कर देती है। वह धीरे-धीरे अपनी चौकोर दुनिया यानि बॉक्सिंग रिंग, में आगे बढ़ती है। एक मैच के दौरान टीवी पर लाइव देख रहे अप्पा अचानक बेटी को ललकारते हैं। फिल्म की खूबी है कि भावनाओं के इस उद्रेक में यों प्रतीत होता है कि दूर देश में मुकाबला कर रही मैरी कॉम अप्पा की ललकार सुन लेती है। वह दोगुने उत्साह से आक्रमण करती है और विजयी होती है।
हालांकि 'मैरी कॉम' मणिपुर के परिवेश, माहौल और जिंदगी को करीब और विस्तार से देख पाने की चाहत पूरी नहीं करती, लेकिन झलकियों और बैकड्राप में उसका एहसास हो जाता है। इस फिल्म में पहली बार हिंदी सिनेमा के पर्दे पर मणिपुर के किरदारों को उनके समाज में हम देखते हैं। लेखक-निर्देशक ने मणिपुर मे चल रहे विरोध और आंदोलन को भी नजरअंदाज नहीं किया है। हां, वे उसे फिल्म के पार्श्‍व में ही रखते हैं। निश्चित ही मैरी कॉम का जीवन उनसे अप्रभावित नहीं रहा होगा,लेकिन वह फिल्म का कथ्य नहीं है।
'मैरी कॉम' कई स्तरों पर प्रभावित करती है। फिल्मी भाषा में यह साधारण लडकी की असाधारण कहानी है। गौर करें तो जिंदगी की साधारण घटनाओं से जूझती और अपनी मंजिल की ओर बढ़ती मैरी कॉम अपने फैसलों और व्यवहार में असाधारण हो जाती है। कई व्यक्तियों का उसे सहयोग मिलता है। सबसे बड़ा सहयोग उसे पति की तरफ से मिलता है, जो जुड़वां बच्चों के लालन-पालन की जिम्मेदारी लेता है और अपनी बीवी को आगे बढऩे की ताकत देता है। पुरुष प्रधान समाज में ऐसे किरदार हैं। उन्हें सही संदर्भ के साथ पेश नहीं किया जाता। शादी और फिर बच्चों का जन्म मैरी कॉम की जिंदगी की बड़ी घटनाएं हैं। बॉक्सिंग पर पूर्णविराम लगाती इन घटनाओं को तोड़ कर मैरी कॉम विजय अभियान जारी रखती है। कई मार्मिक और कमजोर क्षण भी आते हैं, लेकिन वह हाथों से हमेशा के लिए दस्ताने नहीं उतारती। अभ्यास के दौरान बच्चों की देखभाल के लिए वह अवश्य दस्ताने उतारती है। हिंदी फिल्मों ने मां की छवि को त्याग की मूत्र्ति का पर्याय बना दिया है। पर्दे और पर्दे के बाहर फिल्म संसार में इस मां के गुणगान किए जाते हैं। 'मैरी कॉम' भी मां है। वह भी ममत्व के द्वंद्व और दुविधा से गुजरती है, लेकिन अपने प्रोफेशन को तिलांजलि नहीं देती। वह इस चुनौती को कायदे से संभालती है।
'मैरी कॉम' प्रियंका चोपड़ा की फिल्म है। मैरी कॉम की जिंदगी से हम वाकिफ है। उनकी निस्संदेह सराहना करते हैं। देखना यह था कि प्रियंका चोपड़ा उस जुझारु और विजयी बॉकसर को पर्दे पर कैसे जीवित करती हैं। मैरी कॉम और प्रियंका चोपड़ा के चेहरे का नहीं मिलना एक तथ्य है। इस तथ्य को प्रियंका चोपड़ा अपने अभिनय और प्रस्तुति से पाट देती हैं। वह मैरी कॉम के जोश और भावना की तीव्रता को जज्ब करती हैं। फिल्म के आरंभिक दृश्य में ही जब वह पति के साथ प्रसव पीड़ा से गुजरती हुई गली-नुक्कड़ों से होते हुए एक जगह आकर बैठती है और कैमरा उनके चेहरे का क्लोज शॉट लेता है। उस समय वह असह्य पीड़ा में केवल 'उई मां' कहती है और हम पाते हैं कि वह किरदार में ढल चुकी हैं। प्रियंका चोपड़ा ने इस फिल्म के लिए कसरती शरीर के साथ उस हिम्मती मन पर भी मेहनत की है, जो मैरी कॉम के चरित्र को आत्मसात करने के लिए जरूरी था। प्रियंका चोपड़ा अपनी कोशिश में विजयी हैं।
फिल्म के अन्य किरदारों में पति की भूमिका निभा रहे दर्शन कुमार और कोच की भूमिका में आए सुनील थापा अपने अभिनय से 'मैरी कॉम' को विश्वसनीय और प्रभावशाली बनाते हैं। दोनों ने अपनी भूमिकाओं के साथ न्याय किया है। अप्पा की भूमिका में रॉबिन दास थोड़े नाटकीय हो गए हैं, जबकि मां की भूमिका में रजनी बासुमटराई स्वाभाविक लगी हैं। फेडरेशन के सदस्य के रूप में शक्ति सिन्हा के किरदार के काइयांपन को उभारते हैं।
'मैरी कॉम' प्रेरक फिल्म है। सबसे बड़ी बात कि यह अपने जीवन में ही किंवदंती बन चुकी मैरी कॉम की कहानी है। उनका जीवन और खेल अभी प्रगति पर है। हिंदी में जीवित और सक्रिय हस्ती पर बनी यह पहली बॉयोपिक है। मेरी तरफ से इस फिल्म को ४.५ स्टार दिए जाते हैं.