Tuesday 6 June 2023

शिवसेना बाला साहेब ठाकरे 6 जून को कोई कार्यक्रम नहीं करेगी, मुम्बई से हाईकमान के सख्त आदेश हैं: हरविंदर सोनी

शिवसेना बाला साहेब ठाकरे 6 जून को कोई कार्यक्रम नहीं करेगी, मुम्बई से हाईकमान के सख्त आदेश हैं: हरविंदर सोनी


मंजीत सिंह

बीसीआर न्यूज़/अमृतसर, पंजाब: शिवसेना बाला साहेब ठाकरे के राज्य उपप्रमुख व 6 जिलों के इंचार्ज हरविंदर सोनी ने विशेष तौर पर बताया कि 6 जून नज़दीक आते ही पंजाब की आबोहवा एकदम से गर्म हो जाती है और माहौल तनावपूर्ण हो जाता है जिसको शांत रखने के लिए पुलिस प्रशासन को भी कढ़ी मुशक्कत करनी पड़ती है।

सोनी ने कहा ख़ालिस्तानी लोग जानबूझकर इस दिन आतंकियों की तस्वीरें लगाकर माहौल खराब करते हैँ और इसकी देखा देखी हिन्दू संगठन भी शहीद इंदिरा गाँधी, बेअंत सिंह तथा जनरल अरुणोदय वैद्य की तस्वीरें लगाकर उनको श्रद्धांजलि देने का उपक्रम करते हैँ जिससे न सिर्फ स्थिति तनावपूर्ण हो जाती है बल्कि हिन्दू सिख में भी खाई बढ़ जाती है जिसे शिवसेना बाला साहेब ठाकरे पार्टी कभी उचित नहीं मानती है इसलिए ये दिन मनाने वालों का पुरज़ोर विरोध करती है क्योंकि शिवसेना के संस्थापक हिन्दू हृदय सम्राट बाला साहेब ठाकरे हर धर्म का सम्मान करते थे और उन्होंने पंजाब के शिवसैनिकों को भी यही निर्देश दिए थे कि उनके शिवसैनिक को ऐसा कार्य कभी नहीं करना है जिससे किसी धर्म को ठेस पहुँचे।

उन्होंने कहा कि बाला साहेब ठाकरे के इस आदेश का वे तथा उनके शिवसैनिक हमेशा अनुसरण करते रहे हैँ और उन्होंने कभी भी किसी प्रकार से भी ये दिन नहीं मनाया है और न इस बार मनाएंगे ताकि सिखों को किसी प्रकार की ठेस न पहुंचे।

उन्होंने कहा कि उनकी ही पार्टी के एक तथाकथित नेता ने निजी स्वार्थो की पूर्ति हेतु तथा प्रशासन को ब्लैकमेल करने की नीयत से इस दिन को आतंकवाद खात्मा दिवस के तौर पर मनाने का कुछ दिन पहले ऐलान किया था पर ज़ब हाईकमान को इसकी जानकारी दी गई तो हाईकमान ने इसका कढ़ा संज्ञान लिया और हाइकमान की झाड पड़ने से अब उस कार्यक्रम को रद्द कर दिया गया है फिर उसने खिसियानी बिल्ली कि तरह अपनेआप को हिन्दू हितेषी होने का राग अलापते हुए आतंकवाद पीड़ित हिन्दुओं के लिए 781 करोड़ के पैकेज की मांग रखते हुए कार्यक्रम घोषित कर दिया जबकि इसने इससे पहले कभी ऐसी मांग नहीं उठाई थी स्पष्ट है कि जानबूझकर घल्लूघारा सप्ताह में इसके द्वारा ऐसे कार्यक्रम करके प्रशासन पर निजी फायदे के लिए दबाव बनाया जाता है इसलिए प्रशासन से मांग की जाती है कि अगर कोई भी इस सप्ताह में ही नहीं बल्कि आगे भी हिन्दू सिखों की भावनाओं को ठेस पहुंचाता है तो उसपर ठोस कार्रवाई की जाये और कढ़ा दंड दिया जाये। अंत में उन्होंने हिन्दू संगठनों के नुमाइंदो से अपील करते हुए कहा कि स्वार्थी लोग हिन्दू सिख में दीवार ख़डी करके राजनीतिक लाभ उठाना चाहते हैँ और हम सभी उनकी चालों में फंसकर देखा देखी आपसी भेदभाव बढ़ा रहे हैँ इसलिए हिन्दू सिखों में बढ़ती खाई को पाटने के लिए प्रथम प्रयास हमें ही करना चाहिए ताकि देश विरोधी तत्वों के मनसूबे कामयाब न हो सकें।

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