Friday, 31 October 2014

Ikkiss Topon Ki Salami : Film Review by Ajay Shastri (3 Star)

फिल्म समीक्षा : इक्कीस तोपों की सलामी
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फिल्म समीक्षक : अजय शास्त्री 
(संपादक) बॉलीवुड सिने रिपोर्टर
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प्रमुख कलाकार: अनुपम खेर, नेहा धूपिया और दिव्येंदु शर्मा।
निर्देशक: रवींद्र गौतम
संगीतकार: राम संपत
रेटिंग : तीन स्टार 
अवधि: 140 मिनट
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(बीसीआर) एडल्ट कॉमेडी के दौर में तंज कसने वाली फिल्म की भी अपनी ऑडिएंस है। 'फंस गए रे ओबामा', 'जॉली एलएलबी' और 'दो दूनी चार' उस मिजाज की स्तरीय फिल्में रही हैं। 'इक्कीस तोपों की सलामी' भी उसी तेवर और कलेवर की फिल्म है। फिल्म के कहानीकार राहिल काजी और निर्देशक रवींद्र गौतम भी अपने मकसद में सफल हुए हैं। फिल्म की यूएसपी उसका इमोशनल कार्ड है। वह कई मौकों पर दर्शकों के दिल को छूती है। वह साथ ही मुंबई शहर की जुझारू और लोगों की सहयोगी प्रवृत्ति भी दिखाती है।
फिल्म ईमानदार नगर निगम कर्मचारी पुरुषोत्तम नारायण जोशी के संघर्ष की कहानी है। वह गर्व से मच्छरों को भगाने वाली दवा का छिड़काव करता है। वह उसे छोटा काम नहीं मानता। खुद्दारी के चलते वह अपना सारा जीवन गुरबत में काट देता है, मगर समझौते नहीं करता। उसकी सोच व हालत से दोनों बेटे सुभाष और शेखर परेशान हैं। दोनों आज केयुवाओं की तरह ढेर सारा पैसा कमाना चाहते हैं। सुभाष भ्रष्ट सीएम के लिए काम करता है। शेखर अपने पिता की तरह निगम कर्मचारी ही है। रिटायरमेंट वाले दिन पुरूषोत्तम पर चोरी का इल्जाम लगता है। यह सदमा वे बर्दाश्त नहीं कर पाते। उनके अंत समय में सुभाष और शेखर को अपनी गलतियों का एहसास होता है। वे अपने मरहूम पिता का खोया सम्मान लौटाने निकल पड़ते हैं। वे ठान लेते हैं कि पिता के पार्थिव शरीर को इक्कीस तोपों की सलामी दिलानी है। उस काम में उनका साथ देती है सीएम की पीए तान्या श्रीवास्तव।
राहिल काजी ने दिलचस्प कथा रची है, जो इशारों-इशारों में नेताओं व मीडिया बिरादरी के स्याह पक्ष को पेश करती है। नेहा धूपिया संघर्षरत अभिनेत्री की भूमिका में हैं। उनका नाम जयप्रभा है। फिल्म के हर सीन एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं। वे तेज गति और रोचक तरीके से भ्रष्टाचार और ईमानदारी के अंतद्र्वंद्व को पेश करती है। अनुपम खेर ने जानदार परफॉर्मेंस दी है। पुरुषोत्तम जोशी के अवतार में बेबस मगर अपने सिद्धांतों पर अडिग रहने वाले शख्स की भूमिका को उन्होंने जीवंत बना दिया है। दिव्येंदु शर्मा का कॉमिक अवतार लोगों ने अब तक देखा है, मगर यहां उनका विद्रोही रूप असर छोड़ता है। फिल्म की हीरोइन अदिति शर्मा भी अपने किरदार तान्या और राजेश शर्मा भ्रष्ट सीएम के रोल के संग न्याय करती हैं। फिल्म का संगीत भी निराश नहीं करता।

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