अवर्णा जैन के नेतृत्व में वाय.एल.एफ.ओ. द्वारा आयोजित आशा जी - ए ब्रिमफुल आॅफ मैजिक
लीजेण्ड्री गायिका आशा भोंसले ने साझा किये अपने अनुभव
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-रचना शर्मा- (सह संपादक) बॉलीवुड सिने रिपोर्टर
Email: editorbcr@gmail.com
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लीजेण्ड्री गायिका आशा भोंसले ने साझा किये अपने अनुभव
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बीसीआर (नई दिल्ली) फिक्की के अन्तर्गत युवा महिलाओं को समर्पित यंग फिक्की लेडीज़ आॅर्गनाईजेशन (वाय.एल.एफ.ओ.) द्वारा अपनी नयी अध्यक्ष अवर्णा जैन के नेतृत्व में आगामी वर्ष हेतु अपना शुरूआती कार्यक्रम आशा जी - ए ब्रिमफुल आॅफ मैजिक का आयोजन किया। कनाॅट प्लेस स्थित ललित होटल में आयोजित इस कार्यक्रम में लीजेण्ड्री गायिका श्रीमति आशा भोंसले बतौर गेस्ट आॅफ आॅनर उपस्थित थीं। उनके अतिरिक्त सेलीबे्रटेड आर.जे. सायमा रहमान, श्रीमति नीता बूचरा, इतिवा चोपड़ा आदि भी मौके पर उपस्थित थे।
इस अवसर पर उपस्थित मेहमानों व अन्य को सम्बोधित करते हुए अवर्णा जैन ने बताया कि यंग फिक्की लेडीज़ आॅर्गनाइजेशन की चेयर पर्सन बनकर काफी अच्छा व गौरवपूर्ण महसूस कर रही हैं। उन्होंने कहा कि युवा शक्ति परिवर्तन लाने में पूर्णतया सक्षम है और मुझे उम्मीद है कि जिस तरह से वूमन एम्पाॅवरमेंट हेतु वाय.एफ.एल.ओ. ने अभी तक सशक्त भूमिका निभायी है और जो जिम्मेदारी मुझे दी गयी है उस पर मैं खरी उतर पाऊँ। अवर्णा ने बताया कि इस वर्ष हमारी थीम है ‘एम्बार्क, एन्ड्योर, एमर्जः ए न्यू इंडिया’, जो आज के भारतीय युवाओं की भावनाओं को प्रतिध्वनित करता है। उन्होंने बताया आगामी वर्ष में हम हर स्तर पर महिलाओं के सशक्तिकरण की दिशा में काम करेंगे, जिनमें बेहतर ज्ञान, कौशल और विचारों के साथ उनको सशक्त बनाना प्रमुख रहेगा। विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से हम अपने सदस्यों को समृद्ध करने के लिए प्रयास करेंगे साथ ही सदस्यों को फाइनेंस व प्रबन्धन क्षेत्र में अपना कौशल सुधारने का भी अवसर देंगे।
इस मौके पर श्रीमति आशा भोंसले ने अपने जीवन के महत्वपूर्ण अनुभव साझा किये। उन्होंने बताया कि शुरूआती दौर में मैंने भी काफी कठिनाईयों का सामना किया। यहां काफी स्थापित गायक थे ऐसे में उनको चुनौति देना कठिन था इसलिए मैंने खुद को बदलने के विषय में सोचा और गायन शैली में बदलाव करते हुए मैंने नई शुरूआत की। अवर्णा जैन को शुभकामनायें देते हुए श्रीमति भोंसले ने कहा कि यह युवा हैं, नया जोश है और युवा जोश परिवर्तन लाने में सक्षम है, शुरूआती दौर में हो सकता है कठिनाईयों का सामना इन्हें करना पड़े लेकिन समय के साथ सुदृढ़ होते हुए यह अपने काम को बखूबी अंजाम दे पायेंगी। आशा जी ने कहा कि आज के दौर और हमारे दौर में काफी परिवर्तन आ चुका है, आज मधुर संगीत की कमी है, आइटम सांग का दौर हावी है परन्तु इनके बीच भी राहत फतेह अली खान जैसे गायक अच्छे गाने श्रोताओं को दे पा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि मैंने अपने 81 वर्ष के जीवन में विभिन्न पड़ाव देखे हैं और मेरा एक लक्ष्य है कि मेरी पोती भी पाश्र्व गायन में आयें। क्योंकि उसकी आवाज़ में बहुत मिठास है और वह अच्छा गाती है मैं उसकी आवाज़ में अपना और लता दीदी का मिश्रण महसूस करती हूं। आशा ताई ने अपनी मधुर आवाज़ में ‘इन आंखों की मस्ती के..’ गीत की कुछ पंक्तियां प्रस्तुत करके वाय.एफ.एल.ओ. के इस कार्यक्रम को अद्भुत व यादगार बनाया।