Wednesday, 12 November 2014

निर्माता निर्देशक असीम सामंता की पुनर्वापसी फिल्म "गॉड ! है तो सामने आ"

निर्माता निर्देशक असीम सामंता की पुनर्वापसी फिल्म "गॉड ! है तो सामने आ"
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अजय शास्त्री (संपादक) बॉलीवुड सिने रिपोर्टर 
Email: editorbcr@gmail.com
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बीसीआर (वसीम  सिद्दीकी/मुंबई) '१० या १२ साल के एक बच्चे में क्या इतनी हिम्मत आ सकती है, की वो भगवान को चैलेंज या ललकार सके' यह कोई खबर या असलियत में घटी घटना नहीं है, बल्कि यह एक लेखक संजय शुभांकर की कल्पना है जिसने उन्हें 'आराधना फिल्म्स व जॉइन फिल्म्स' द्वारा आयोजित लेखक प्रतियोगिता में ३०० से ज़्यादा प्रतियोगियों में से विजयी बनाया। इन्ही की कहानी पर यह फिल्म "गॉड ! है तो सामने आ" बन रही है.।  
सुप्रसिद्ध दिवंगत निर्माता निर्देशक शक्ति सामंता के सुपुत्र असीम सामंता जो स्वयं एक मशहूर निर्माता निर्देशक हैं, एक नए एवं अनूठे तरीके से अपनी वापसी कर रहें है, इस फिल्म के निर्माण में उनके साथ अरुण मल्होत्रा और वीरेन्द्र राठौर भी हैं।
१० दिसंबर को शक्ति फिल्म्स व आराधना फिल्म्स के ऑफिस में एक समोराह आयोजित किया गया जहाँ अशीम सामंता स्वयं, वीरेन्द्र राठौर, प्रसिद्ध लेखक व फिल्म राइटर एशोसिएशन के अध्यक्ष जलीस शेरवानी व मीडिया के गणमान्य लोग मौजूद थे, इस अवसर पर जलीस शेरवानी के हाथो से लेखक संजय शुभंकर को ५१००० का चेक विजेता के इनाम के रूप में दिया गया। असीम सामंता ने बताया की जब उनके मित्र वीरेन्द्र राठौर ने उन्हें अपने इस अनूठे प्रतियोगिता के बारे में बताया तो वे अपने आपको इस अभियान से जुड़ने से नहीं रोक सके, व सफल स्क्रिप्ट पर फिल्म भी बनाने का निर्णय कर लिया। वीरेन्द्र राठौर और अरुण मल्होत्रा, मीडिया से सम्बंधित हैं और अपने वर्षो के अनुभव में उन्होंने लेखको का संघर्ष देखा है, लिहाज़ा यह अनूठा आयोजन उन्हें सूझा, और जब उन्हें असीम सामंता का भी साथ मिले तो मनो उनके सपनो को पर मिल गए। इस कार्य में राइटर एसोसिएशन का भरपूर योगदान मिला, फिल्म की कास्टिंग पूरी होते ही यह फ्लोर पर जाएगी।   

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