बीसीआर न्यूज़/नई दिल्ली: कोरोना के मामले काफी कम हो गए हैं और काफी कुछ पहले जैसा हो गया है। इस बीच बुधवार को मुंबई में कोरोना के नए वेरिएंट(Corona New Variant XE) ने दस्तक दी है। बीएमसी की ओर से कहा गया है कि कोरोना के XE वेरिएंट से संक्रमित मरीज की पहचान हुई है। हालांकि स्वास्थ्य मंत्रालय (Health Ministry) की ओर से इसकी पुष्टि नहीं की गई है। कोरोना का जब भी कोई नया वेरिएंट सामने आता है इसको लेकर ढेर सारे सवाल मन में आते हैं कि क्या मामले बढ़ेगे। कितना संक्रामक होगा नया वेरिएंट ऐसे कई सवाल। हालांकि नए वेरिएंट को लेकर WHO की मुख्य वैज्ञानिक डॉ. सौम्या स्वामीनाथन (WHO Chief Scientist Soumya Swaminathan) ने जो बात कही है वह भारत के लिहाज से काफी राहत भरी खबर है। उन्होंने कहा है कि एक्सई वेरिएंट डेल्टा जितना प्रभावी नहीं होगा।
भारत में नए वेरिएंट को लेकर घबराने की जरूरत नहीं
WHO की मुख्य वैज्ञानिक डॉ.सौम्या स्वामीनाथन का कहना है कि कोरोना के XE वेरिएंट का भारत में डेल्टा जैसा प्रभाव होने की संभावना नहीं है। भारत में अधिकांश लोगों को कोरोना का टीका लग चुका है। नए वेरिएंट को लेकर प्रारंभिक आंकड़ों के आधार पर कहा जा रहा है कि यह दूसरे वेरिएंट से 10% अधिक संक्रामक है। यानी इसके फैलने की दर अधिक है। डॉ.सौम्या स्वामीनाथन का कहना है कि हम अभी भी एक्सई वेरिएंट का बारीकी से अध्ययन कर रहे हैं और अधिक जानकारी आ रही है। अब तक, घबराने की जरूरत नहीं है क्योंकि यह अधिक गंभीर बीमारी का कारण नहीं बन रहा। जिसको वैक्सीन लगी है उसमें शुरुआती कोई गंभीर लक्षण नहीं दिखाई दे रहे हैं।
टॉप हेल्थ एक्सपर्ट्स का कहना है कि XE वेरिएंट भारत के लिए उतना गंभीर मसला नहीं है। वायरोलॉजिस्ट डॉ शाहिद जमील का कहना है कि सभी भारतीयों में SARS-CoV2 के इन सब-वेरिएंट के खिलाफ एंटीबॉडी हैं, मुझे लगता नहीं कि इससे भारत में कोई फर्क पड़ेगा। यूके हेल्थ एजेंसी के मुख्य चिकित्सा सलाहकार सुसान हॉपकिंस के अनुसार, कोरोना वायरस के अन्य वेरिएंट के साथ जुड़कर बन रहे इस तरह के वेरिएंट बहुत ज्यादा घातक नहीं होते हैं और जल्दी मर जाते हैं।
कोरोना का नया वेरिएंट कितना खतरनाक
ओमीक्रोन के दो सबवेरिएंट BA1 और BA2 का रीकॉम्बिनेंट तैयार हुआ है, जिसे XE कहा जा रहा है। ऐसा माना जाता है कि कोई कॉम्बिनेशन तब तैयार होता है, जब कोई व्यक्ति एक से अधिक प्रकार से संक्रमित हो जाता है। अब तक 700 के करीब मामले मिले हैं। यह वायरस यूके में पाया गया है। इनमें से सबसे पहला नमूना 19 जनवरी 2022 है को मिला था।
एशिया और यूरोप के कई देशों को कोरोना की चौथी लहर का सामना करना पड़ रहा है। सबसे ज्यादा बुरे हालात साउथ कोरिया के हैं, जहां रोजाना काफी संख्या में नए मामले देखने को मिल रहे हैं। चीन में स्थिति गंभीर बनी हुई है, जहां कई शहरों में फिर से लॉकडाउन लगा दिया गया है। ऐसे समय में इस घातक वायरस ने चिंता पैदा कर दी है। हालांकि भारत के लिए फिलहाल कोई चिंता की बात नहीं है।
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